शाहडोलPublished: May 18, 2019 09:01:11 pm
brijesh sirmour
लम्बे इंतजार के बाद आई कटनी की ओर जाने वाली एक ट्रेन
When the rush of three trains aboard a train
शहडोल. रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नम्बर दो व तीन में शनिवार को नजारा बड़े शहरों की लोकल टे्रनों जैसा रहा। प्लेटफार्म नम्बर दो जब दोपहर दो बजे जब अंबिकापुर-जबलपुर एक्सप्रेस टे्रन आई तो तीन ट्रेनों के यात्रियों की भीड़ उस पर टूट पड़ी और हर यात्री ट्रेन में अपनी जगह बनाने की जुगत में दिखा, मगर ट्रेन में पहले से ही इतनी ज्यादा भीड़ रही कि शहडोल से यात्रियों को उसमें बामुश्किल से ही चढऩे को मिला। कई यात्रियों ने अपनी यात्रा ही रद्द कर दी, जबकि कुछ यात्री अगली ट्रेन के इंतजार में प्लेटफार्म में ही डटे रहे। यात्रियों के यह हालात रेलवे द्वारा ट्रेनों को रद्द करने व बीच में ही रोक देने की वजह से निर्मित हुई। शनिवार को सुबह चिरमिरी-कटनी मुड़वारा शटल टे्रन और अंबिकापुर-शहडोल ट्रेन शहडोल नहीं आई। इसके बाद सुबह पौने ग्यारह बजे कटनी की ओर जाने वाली बिलासपुर-कटनी मेमू टे्रन और दोपहर बारह बजे वाली चिरमिरी-चंदिया पेसेन्जर को शहडोल में खड़ कर दिया गया। जिसकी वजह से रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर दो व तीन में सुबह से लेकर दोपहर तक कटनी की ओर जाने वाले यात्रियों की भारी भरकम भीड़ देखी गई। जिनका इंतजार खतम ही नहीं हो रहा था। गौरतलब है कि वर्तमान में शादी ब्याह का सीजन चल रहा है। एसी दशा में टे्रनों का रद्द होना यात्रियों के लिए काफी नागवार गुजर रहा है।
चोर-उचक्के रहते है सक्रिय
इन दिनों टे्रनों में भीड़ का पूरा फायदा चोर उचक्के उठा रहे हैं। कहीं किसी यात्री का मोबाइल गायब हो रहा है तो कहीं बैग या पर्स पार कर दिया जाता है। ऐसे में पीडि़त यात्री असहाय व असमंजस की स्थिति में हो जाता है, क्योंकि यदि व घटना की रिपोर्ट करता है तो उसे अपनी यात्रा कैंसिल करनी पड़ती है और यात्रा करता है तो चोरी गए सामान को भूलना पड़ता है।
स्टेशन पहुंचने पर मिलती है जानकारी
टे्रनों के रद्द होने या फिर लेटलतीफी की जानकारी यात्रियों को रेलवे स्टेशन पहुचने के बाद ही मिल पाती है। जिससे उनके पास सिवाय अगली ट्रेन का इंतजार करने के अलावा कोई चारा नहीं बचता है। रेलवे इंक्वायरी काउंटर पर यात्रियों की भीड़ लगी रहती है और बार-बार ट्रेनों के बारे में पूंछताछ करने पर काउंटर क्लर्क भी खीझ जाता है।
मुस्कान नहीं मुसीबत बना रेल सफर
वर्तमान में रेलवे का सफर के साथ मुस्कान का नारा बदलकर सफर से पहले मुसीबत बन चुका है। पिछले व इस वर्ष मई तक का आकंलन करें तो रेलवे ने ट्रेनें चलाई कम और रद्द ज्यादा की है। जिससे यात्री चिंतित रहते हैं कि उनकी ट्रेन कही रद्द तो नहीं है, क्योंकि रेलवे कोई भी ट्रेन किसी भी समय अचानक रद्द कर देती है।
बिलम्ब से आई चार ट्रेनें
शनिवार को चार ट्रेनें काफी देरी से आई। देरी से आने वाली टे्रनों में अंबिकापुर-जबलपुर एक्सप्रेस भी शामिल है। जो अपने निर्धारित समय सुबह 10.15 बजे के स्थान पर पौने चार घंटे देरी से दोपहर दो बजे आई। इसके अलावा छपरा-दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस रात 23.35 बजे के स्थान पर पौने तीन घंटे देरी से रात सवा दो बजे पहुंची। सुबह 6.15 बजे आने वाली गोंदिया-बरौनी एक्सप्रेस दो घंटे बिलम्ब से सुबह सवा आठ बजे आई। इसी तरह इंदौर-बिलासपुर नर्मदा एक्सप्रेस भी अपने निर्धारित समय से डेढ़ घंटा देरी से दोपहर 1.30 बजे आई।