इस दौरान एमसीआई की टीम ने डॉक्टरों की पदस्थापना, रिक्त पदों के अलावा, स्वास्थ्यकर्मियों की पदस्थापना की जानकारी ली। चर्म रोग, टीबी, साइक्रेटिस, सर्जरी और आर्थो के लिए वार्ड में कम जगह होने की बात कही। जबकि गाइनो वार्ड के लिए अतिरिक्त जगह थी। आईसीयू की भी स्थिति का जायजा लिया।
चार मशीन हैं तो एक और कहां गई?
अस्पताल प्रबंधन ने एमसीआई की टीम को मोबाइल एक्सरे की चार मशीन बताया। प्रबंधन ने टीम को तीन मशीन दिखाई तो एमसीआई के अफसरों ने तत्काल संज्ञान में लेते हुए पूछा कि चार मशीन बताई है, यहां तो तीन मशीन है। चौथी मशीन बिगड़ी है क्या। इस पर अस्पताल प्रबंधन ने स्टोर में मशीन दिखाई। एमसीआई के अनुसार चार मशीन होनी चाहिए। जिसमें दो फिक्स और दो वार्डो में होनी चाहिए।
मशीनों को देखा, तैयार की रिपोर्ट
एमसीआई की टीम ने मशीनों को चलाकर भी देखा। यहां पर रिपोर्ट भी तैयार की। कुछ मशीन बंद थी तो कमियों पर रिपोर्ट तैयार की। इस दौरान एमसीआई की तीन सदस्यीय टीम के अलावा प्रभारी डीन मिलिंद शिलारकर, सिविल सर्जन डॉ एनके सोनी सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।