वैसे भी पिछले कुछ महीने से हर जगह नोटबंदी और जीएसटी की ही चर्चा हो रही थी। लेकिन धनतेरस के दिन जिस अंदाज में बाजार गुलजार रहा। उसने सभी व्यापारियों के चेहरे में खुशी की लहर दौड़ा दी। एक तरह से देखा जाए तो उनकी दीवाली भी मन गई। कल मतलब मंगलवार को पूरे दिन दुकानों में ग्राहकों का आना जाना लगा रहा। देर रात तक दुकानों में लंबी-लंबी लाइन लगी रही। सड़कों पर गाडिय़ों की भीड़ थी। बड़ी-बड़ी गाडिय़ां दुकानों के बाहर खड़ी हुईं थीं। देर रात तक ट्रैफिक देखने को मिली। शहर के लोग तो शॉपिंग कर ही रहे थे। शहर के बाहर आसपास के गांव के लोग भी खरीददारी करने पहुंचे हुए थे।
बर्तन दुकानों में सुबह से लगी भीड़ देर रात और ज्यादा हो गई। ज्वेलरी के दुकान, मिठाई के दुकान, कपड़ों के दुकान, इलेक्ट्रॉनिक सामानों के दुकान हर जगह भीड़ देखने को मिली। दुकान तो छोडि़ए जनाब सड़क किनारे लगे छोटे दुकानों में भी लंबी-लंबी भीड़ लगी रही। कोई रंगोली के सामान खरीद रहा था तो कोई पूजा की सामाग्री, कोई मिट्टी के दीपक ले रहा था तो कोई पूजा के लिए मूर्ति और तस्वीर, एक तरह से कहा जाए तो जहां देखो वहां भीड़ नजर आ रही थी।
व्यापारियों के चेहरे खिले हुए थे। क्योंकि जिसके लिए उन्होंने तैयारी करके रखी थी वो उनके दुकान में देखने को मिल रहा थी। दुकानों में ग्राहकों की भीड़ सुबह से शुरू हो गई थी जो देर रात तक देखने को मिली।
कहां हुआ कितना कारोबार ?
– 14 करोड़ के वाहन खरीदे गए
– 1.75 करोड़ की ज्वलेरी
– 1.5 करोड़ के कपड़े
– 70-80 लाख फर्नीचर
– 2.5 करोड़ इलेक्ट्रानिक सामग्री
– 01 करोड़ बर्तन व्यापार
– 30-40 लाख मोबाइल
– 14 करोड़ के वाहन खरीदे गए
– 1.75 करोड़ की ज्वलेरी
– 1.5 करोड़ के कपड़े
– 70-80 लाख फर्नीचर
– 2.5 करोड़ इलेक्ट्रानिक सामग्री
– 01 करोड़ बर्तन व्यापार
– 30-40 लाख मोबाइल