एक सप्ताह से जयसिंहनगर के चितरांव, बांसा के आस-पास हाथियों का डेरा
शाहडोल
Updated: April 11, 2022 01:25:20 pm
शहडोल. हाथियों का झुंड अभी भी जयसिंहनगर के चितरांव, बांसा, झिरिया के आस-पास के गांवो में डेरा जमाए हुए है। लगातार हाथियों के आस-पास के क्षेत्रों में मूवमेंट से ग्रामीण दहशत में है। वहीं वन विभाग, पुलिस और प्रशासनिक अमला इन हाथियों की निगरानी कर रहा है। शनिवार की देर शाम हाथियों का यह झुंड मोहनी बांध पानी पीने पहुंचा हुआ था। जहां हाथियों को देखने के लिए भारी भीड़ जमा हो गई। भीड़ देखकर हाथी बिना पानी पिए ही वापस लौट गए। जिसके बाद देर शाम मोहनी गांव में ही बने एक कच्चे मकान में हाथियों के झुंड ने हमला कर दिया। जहां घर की दीवाल तोड़कर अंदर रखे अनाज को खाने के साथ ही फैला दिया। वहीं आस-पास रखी घर की अन्य बस्तुओं को नुकसान पहुंचाने के बाद वहां से मूव कर गए। झिरिया से आगे बढऩे के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि यह झुंड वापस लौट रहा है। लेकिन एक सप्ताह से लगातार आस-पास के क्षेत्रों में ही हाथियों का यह दल घूम रहा है।
बिनैका के जंगल में डेरा
जानकारी के अनुसार देर शाम मोहनी में घर में तोड़-फोड़ करने के बाद हाथियों का यह झुंड वहां से भी मूव कर गया। जानकारी के अनुसार रविवार को 9 हाथियों का यह झुंड मोहनी से कुछ दूर बिनैका के जंगल में डेरा डाले हुए है। यहां से मूव करने के बाद यह किस ओर जाता है कहा नहीं जा सकता है।
सरई में भोजन के लिए भटकते रहे जंगली हाथी, अब बांधवगढ़ जा सकता है झुण्ड
अनूपपुर. राजेन्द्रग्राम वनपरिक्षेत्र में पिछले एक सप्ताह से विभिन्न ग्रामीण इलाकों के वनीय क्षेत्र में अपना रहवास बनाए हाथियों का दल अब भोजन के अभाव में घने जंगल वाले इलाके अहिरगवां रेंज की ओर रूख कर गया है। 9-10 अप्रैल की रात सरईटोला बीट से हाथियों ने मूवमेंट करते हुए दर्जनभर गांव से अधिक गांवों की सीमा लांघकर जोहिला नदी के उपर पहाड़ी क्षेत्र तरंग गांव पहुंचा है। जहां टांकीटोला बीट के राजस्व क्षेत्र वाले जंगल में अपना डेरा जमाया है। इस दौरान हाथियों ने राजेन्द्रग्राम वनपरिक्षेत्र के सरईटोला बीट से अहिरगवां वनपरिक्षेत्र के बीच अब तक सबसे अधिक दूरी लगभग 15-16 किलोमीटर लम्बा सफर तय किया है। वनविभाग वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि जब हाथियों को विचरण क्षेत्र में खाना-पानी दोनों की कमी महसूस होती है तो यह हाथी अधिक दूरी तय कर खाना और पानी वाले क्षेत्र में पहुंचने का प्रयास करते हैं। वहीं टांकीटोला बीट में तीनों दंतैल हाथियों के मूवमेंट को देखते हुए वनविभाग द्वारा आसपास के गांवों में मुनादी करा दी गई ह, साथ ही लोगों को सतर्कता बरतने की अपील की है। साथ ही लोगों को अकेले जंगल की ओर नहीं जाने, महुआ बीनने के दौरान सावधानी बरतने, कच्चे मकानों में नहीं सोने, पक्के मकानों में रहने की समझाईश भी दी है। मूवमेंट पर नजर रखे हुए हैं। अहिरगवां वनपरिक्षेत्राधिकारी अभिचल त्रिपाठी ने बताया कि यहां पहुंचे हाथियों के दल का रात के समय किधर मूवमेंट होगा कहना मुश्किल है। क्योंकि जिस प्रकार से गर्मी की तपिश में वातावरण गर्म हो रहे हैं उसके अनुसार हाथी पानी वाले इलाकों की तलाश में निकलेंगे। हालंाकि अहिरगवां बीट घना और उमरिया जिले के बांधवगढ़ वनपरिक्षेत्र से जुड़ा है। जिसमें संभावना है कि हाथी बांधवगढ़ की ओर मूव कर जाए, जैसा कि दो साल पूर्व आए 17 हाथियों के झुंड अहिरगवां में कुछ दिनों तक समय व्यतीत करते हुए बांधवगढ़ निकल गए थे। साथ ही उन्होंने बताया कि यहां भी जोहिला नदी सटी है, जिसमें हाथी डिंडौरी सीमा की ओर निकल सकती है। फिलहाल आज रात के समय हाथियों के होने वाले मूवमेंट उनके मूवमेंट की दिशा तय करेगी।
गांवों मुनादी, सतर्क रहने की हिदायत
वनपरिक्षेत्राधिकारी ने बताया कि हाथियों के मूवमेंट को देखते हुए आसपास के गावों में मुनादी करा दी गई है। साथ ही गांवों में वनकर्मियों को तैनात किया गया है। निगरानी के लिए पदाधिकारियों को भी तैनात किया गया है, साथ ही उमरिया जिले के वन अधिकारियों को भी इस सम्बंध में सूचना दे दी गई, ताकि रात के समय हाथियों के विचरण के दौरान किसी प्रकार की जनहानि न हो। आस पास झरही, कातरदोना, टांकी टोला ग्राम है जो जोहिला के किनारे बसे हुए है।
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