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हुनरमंद होंगी स्व सहायता समूह की महिलाएं, ऐसे सवारेंगी परिवार की किस्मत

locationशाहडोलPublished: Jul 09, 2020 12:15:02 pm

Submitted by:

Ramashankar mishra

आजीविका मिशन के समूह सदस्यों द्वारा किया जा रहा प्रशिक्षित

हुनरमंद होंगी स्व सहायता समूह की महिलाएं, ऐसे सवारेंगी परिवार की किस्मत

हुनरमंद होंगी स्व सहायता समूह की महिलाएं, ऐसे सवारेंगी परिवार की किस्मत

शहडोल. कोविड-19 के संक्रमण की विपरीत परस्थिति में जहां आमजन रोजगार की समस्या से जूझ रहें हैं, वहीं राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन शहडोल द्वारा जिले में कलेक्टर एवं मिशन संचालक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन 50 सिलाई केन्द्रों के माध्यम से लगभग 1000 स्व सहायता समूह की महिलाओं को सिलाई कार्य में हुनरमंद बनाने का कार्य कर रहा है। जिसके लिए ग्राम स्तर पर प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सिलाई कार्य में दक्ष करते हुये न केवल शासन से प्राप्त होने वाले शासकीय कार्यों जैसे- गणवेश सिलाई, मास्क, बस्ते इत्यादि में निपुा करना है बल्कि स्थानीय स्तर पर सिलाई कार्य के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधन उपलब्ध कराना है।
50 केन्द्र स्थापित
आजीविका मिशन के प्रबंधक पुष्पेन्द्र सिंह के अनुसार, जिले के अलग-अलग जनपद क्षेत्रों में 50 प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना की गई है। जिसमें सोहागपुर में 12 केन्द्र, गोहपारू में 8 केन्द्र जयसिंहनगर में 12 केन्द्र, ब्यौहारी में 8 केन्द्र एवं बुढ़ार में 10 केन्द्र प्रशिक्षण के लिए स्थापित किए गए हैं। जहां 1000 स्व सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण के बाद सिलाई कार्य में लगी महिलाओं को शासकीय विभागों व संस्थानों से समन्वय कर कार्य प्रदान कराया जाएगा। कार्य से लगभग 1000 स्व सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण के बाद दक्ष करते हुये बैंकों के आर्थिक सहयोग से जोड़े जाने की कार्ययोजना है। इसके लिए सिलाई कार्य में संलग्न महिलाओं को भविष्य में भी अन्य संस्थाओं से समन्वय कर कार्य प्रदान करने के प्रयास किए जाएंगे।
25 लाख का किया व्यवसाय
कोविड-19 के संक्रमण की अवधि में विभिन्न स्व-सहायता समूह की महिला सदस्यों द्वारा 2.50 लाख मास्क निर्मित कर शासकीय एवं गैर-शासकीय विभागों को वितरित कर लगभग 25 लाख रूपये का व्यवसाय किया। जिससे उन्हे लगभग 7.50 लाख रूपये की आय प्राप्त हुई। उक्त सिलाई सेन्टर का संचालन संबंधित ग्राम के संकुल स्तरीय संगठन द्वारा किया जा रहा है। जिसमें न केवल स्व सहायता समूह की महिलाऐं बल्कि बाहर से आ रहे ग्रामीण प्रवासिओं को कौशल आधारित रोजगार उपलब्ध कराया जाना है।

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