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world mental health day : जीतने से पहले ही हार जाता है यहां का युवा, हर साल 150 लोग मर जाते है बिन मौत

locationशाहडोलPublished: Oct 10, 2019 10:28:36 pm

Submitted by:

shubham singh

क्राइम रिकॉर्ड ने खोली शासन-प्रशासन के दावों की पोल, बेरोजगारी ने ली 504 लोगों की जान, 32 माह के भीतर शहडोल में 504 लोगों ने की खुदकुशी

world mental health day : Every year 150 youths commit suicide under s

world mental health day

शहडोल। संघर्ष और चुनौतियों के दौर में हमारी युवा पीढ़ी हार मान रही है। जिंदगी की भागादौड़ी के बीच तनाव इतना हावी हो रहा है कि चुनौतियों से संघर्ष की बजाय युवा मौत को गले लगा रहे हैं। कभी बेरोजगारी तो कहीं नौकरी के अलावा पढ़ाई का तनाव और घरेलु कलह आत्महत्या की बड़ी वजह उभरकर सामने आ रही है। शहडोल क्राइम रिकार्ड के अनुसार, पिछले 32 माह में 504 लोगों ने खुदकुशी की है। इसमें अधिकांश युवा वर्ग शामिल है। पुलिस रिकार्ड की मानें तो कई आत्महत्या के मामले महिलाओं के प्रताडऩा और बीमारी से त्रस्त होने के भी सामने आए हैं। मनोरोग से जुड़े डॉक्टरों की मानें तो सही समय पर अपनों की सलाह अवसाद से निकालने में बड़ी मदद करते हैं। युवाओं और अवसादग्रसित लोगों को अपनों से बात जरूर करनी चाहिए।
एक्सपर्ट व्यू: आत्महत्या की बड़ी वजह डिप्रेशन
मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग के डॉ राहुल मिश्रा के अनुसार, आत्महत्या की सबसे बड़ी वजह डिप्रेशन है। डिप्रेशन के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद लोग आत्महत्या जैसा कदम उठाते हैं। अधिकांश मामलों में आर्थिक परेशानी, पढ़ाई का तनाव, पारिवारिक वजह होती हैं। डिप्रेशन से निकलने के लिए मनोरोग विशेषज्ञों से जरूर सलाह लेनी चाहिए। साइको थैरेपी और दवाईयों के माध्यम से डिप्रेशन दूर किया जा सकता है। कई मर्तबा आत्महत्या जैसे कदम उठाने से पहले बचाया जा सकता है। अभी अधिकांश मामलों में युवा पीढ़ी संघर्ष से हारती नजर आ रही हैं। हर चुनौतियों का डटकर सामना करना चाहिए। हर परेशानियों का हल जरूर है।
जिले में आत्महत्या के मामले
साल आत्महत्या
2017 229
2018 191
2019 84
(जिला क्राइम रिकार्ड के आंकड़े)

किसी ने लगाई फांसी तो कोई खाया जहर
फांसी -70 फीसदी
जहर -10 फीसदी
ट्रेन से कटकर -15 फीसदी
आग लगाकर -5 फीसदी

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IMAGE CREDIT: patrika
युवा और महिलाएं सबसे ज्यादा
क्राइम रिकार्ड के अनुसार, आत्महत्या के मामलों में युवा और महिलाएं सबसे ज्यादा हैं। युवाओं में पढ़ाई का तनाव, आर्थिक परेशानियां और प्रेम प्रसंग वजह बन रही हैं। उधर महिलाओं के खुदकुशी के अधिकांश मामलों में ससुराल पक्ष की प्रताडऩा और घरेलु कलह सामने आई हैं। 2017 से लेकर अब तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो 504 आत्महत्या के मामलों में 60 प्रतिशत से ज्यादा सिर्फ युवा वर्ग शामिल है। इसमें सबसे ज्यादा 15 से 40 साल तक के युवक और युवतियों ने खुदकुशी कर मौत को गले लगाया है।
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IMAGE CREDIT: patrika
केस 1
बच्चों के साथ पिता ने की आत्महत्या
पपौंध थाना के गाजर गांव में एक युवक ने फांसी लगाकर खुदकुशी की थी। पुलिस जांच में पारिवारिक तनाव सामने आया है। 23 अगस्त को बिहारी गोड़ ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
केस 2
फांसी लगाकर युवक ने की खुदकुशी
शहडोल के जैतपुर कुडेली गांव में एक युवक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। बताया गया कि युवक हरी यादव ने तीन दिन पहले घर के नजदीक फांसी लगाकर आत्महत्या की है। युवक काफी दिन से तनाव में था।
केस 3
टे्रन रवाना होते ही पटरियों में रख दिया सिर
दो दिन पहले ही रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म तीन में रविवार को एक अधेड़ ने आत्महत्या कर ली। टे्रन के सामने अधेड़ ने पटरियों पर अपना सिर रख दिया था। अधेड़ की पहचान अरूण कुमार रजक के रूप में की गई।
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IMAGE CREDIT: patrika
तनाव और आपसी कलह मुख्य वजह
पिछड़े ढाई साल में पांच सैकड़ा से ज्यादा लोगों ने खुदकुशी की है। हाल ही में पुलिस ने समीक्षा की तो सामने आया कि तनाव, आर्थिक परेशानी के अलावा बीमारी से तंग और घरेलु कलह की वजह से खुदकुशी की है। हम लगातार समीक्षा कर रहे हैं। ऐसे मामलों में लोगों को काउंसलिंग करने का भी प्रयास करते हैं।
अनिल सिंह कुशवाह, एसपी शहडोल

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