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योग करें, निरोग रहेंगे बस तरीका सही होना चाहिए, जानिए योग करते समय किस तरह की सावधानी बरतें

locationशाहडोलPublished: Jun 21, 2018 11:53:52 am

Submitted by:

Akhilesh Shukla

पढि़ए विश्व योग दिवस पर विशेष

world yoga day special 2018

योग करें, निरोग रहेंगे बस तरीका सही होना चाहिए, जानिए योग करते समय किस तरह की सावधानी बरतें

शहडोल- आज विश्व योग दिवस है, जगह-जगह इस अवसर पर कार्यक्रम हो रहे हैं, शहडोल में भी कई जगह कार्यक्रम हुए, देखा जाए तो दुनिया में योग को लेकर लोगों का रुझान बढ़ा है। शहडोल में भी न
केवल बुजुर्ग बल्कि युवा और महिलाएं भी योग की तरफ आकर्षित हो रहीं हैं। शिविरों में दिन पर दिन संख्या लगातार बढ़ रही है। योग से लोगों को काफी फायदा भी हो रहा है। तनाव से मुक्ति मिल रही है।
हालांकि सबसे बड़ी चुनौती है सही ट्रेनर मिलना, क्योंकि यदि योग गलत तरीके से किया गया तो उसके नुकसान भी बहुत हैं।

 

बीच में ब्रेक न करें, लगातार करें योग : नीलेश शुक्ला

योगाचार्य नीलेश शुक्ला ने बताया कि डिप्रेशन और अधिक वजन से परेशान लोगों ने लगातार और सही ढंग से योग किया तो उन्हें इसका फायदा मिला। नीलेश शुक्ला कहते हैं कि योग एक बार शुरू करने के बाद उसे बीच छोडऩा नहीं चाहिए। क्योंकि ब्रेक होने पर उतना फायदा नहीं मिलता जितना मिलना चाहिए।

 

दुष्प्रचार से दूर रहें : राजेंन्द्र शर्मा

योगाचार्य राजेंन्द्र शर्मा कहते हैं कि योगा किसी गुरू के मार्गदर्शन में ही करें। टीवी, इंटरनेट के माध्यम से लोग खुद योगा करने की कोशिश तो करते हैं, जब उसका रिजल्ट उन्हें नहीं मिलता, तो वे दुष्प्रचार करने लगते हैं। इसलिए ये जरूरी है कि सही ट्रेनर के देखरेख में योगा करें, निरंतरता से करें जिससे अच्छे रिजल्ट मिलेंगे। दुष्प्रचार से दूर रहें।

 

महिलाओं को कर रहीं जागरूक

योगा एक्सपर्ट नीलिमा शर्मा पतंजलि जिला योग महिला प्रभारी भी हैं, और अपने काम को बखूबी अंजाम देने के लिए लगातार प्रयास करती रहती हैं, महिलाओं को योगा के प्रति अवेयर करते रहती हैं, और लोगों को योगा भी सिखाती हैं।

 

आयुर्वेदिक में योग का बड़ा रोल- डॉ तरुण

योग एवं आयुर्वेदिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. तरुण सिंह के मुताबिक योग एक प्रकार की जीवन शैली है, एक प्रकार का दर्शन है, आयुर्वेद भी उसी दर्शन को सामथ्र्य प्रदान करता है, जो लाइफ को जाने, जो जीवन को जाने वही आयुर्वेद है, वेद का मतलब जानना है, आयुर का मतलब जीवन, जीवन को जानने की कला आयुर्वेद में है, और जीवन को जीने की कला योग में है। इसीलिए मैं अक्सर मरीजों का उपचार करने के साथ-साथ उन्हें योग करने की भी सलाह देता हूं, जिससे मरीज को ज्यादा और जल्दी फायदा मिलता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में योग एक बड़ा रोल अदा करता है।

 

ये सावधानियां बरतें

कोशिश करें कि योग हमेशा खाली पेट ही करें, जरूरत पडऩे पर थोड़ा पानी भी पी सकते हैं।
कोशिश करें खुले स्थान में करें।
अपनी शारीरिक क्षमता को ध्यान में रखते हुए ही आसान करें।
योग करने के आधे घंटे बाद ही कुछ खाएं पिएं।
जो व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं उन्हें अपने चिकित्सक के परामर्श से ही या किसी प्रशिक्षित योग शिक्षक के निगरानी में ही योगा करें।
ध्यान रखें प्रत्येक आसन व्यक्ति के अनुसार, अलग-अलग तरीके से कराया जाता है।
सभी आसन सभी के लिए उपयोगी नहीं होते हैं, अपनी आवश्यकता अनुसार योग शिक्षक के परामर्श से आसन और प्राणायाम का चयन किया जाना चाहिए।
योग के साथ उचित आहार और विहार ही होना आवश्यक है।
जो बीमार लोग हैं वो अपनी दवाईयां बिना डॉक्टर के परामर्श के बंद न करें, योग करते रहें और जांच के बाद ही डॉक्टर की सलाह से ही दवाई बंद करें।

 

फैक्ट

विश्व योगा दिवस 21 जून को मनाया जाता है, ये दिन साल का सबसे लंबा दिन होता है।

पहली बार विश्व योगा दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया।

11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र संघ में 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को विश्व योगा दिवस के तौर पर मनाने की मंजूरी दी गई।

प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है।

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