वर्ष 1962 के लोकसभा चुनाव के दौरान शाहजहांपुर सीट वर्चस्व में आई थी। शुरुआती तीन चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस ही विजय रही। लेकिन 1977 में जनता दल ने कांग्रेस को हराकर यहां जीत हासिल की थी। हालांकि तीन साल 1980 में यहां कांग्रेस ने वापसी की और जितेंद्र प्रसाद ने बड़े अंतर से जीत हासिल की। इसके बाद 1984 में भी जितेंद्र प्रसाद यहां से जीते।
2001 में जितेंद्र प्रसाद की मृत्यु के बाद 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में उनके बेटे जितिन प्रसाद ने शाहजहांपुर सीट पर अपना कब्जा जमाया। 2009 के चुनाव में ये सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गयी।
वर्ष 2014 के चुनाव में यहां मोदी लहर का असर हुआ और भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ीं कृष्णा राज ने यहां करीब ढाई लाख वोटों से जीत हासिल की। उस समय बहुजन समाज पार्टी दूसरे और समाजवादी पार्टी तीसरे नंबर पर रही थी।
शाहजहांपुर लोकसभा क्षेत्र के अंदर कुल 6 विधानसभा सीट कटरा, जलालाबाद, तिलहर, पुवायां, शाहजहांपुर और ददरौल आती हैं। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने अपना करिश्मा दिखाया और छह में से पांच सीटों पर जीत हासिल की। जलालाबाद में समाजवादी पार्टी जीत पाई।
2014 के लोकसभा चुनाव के अनुसार इस सीट पर करीब 19 लाख से अधिक वोटर हैं। इसमें करीब 11 लाख पुरुष और करीब 8 लाख महिला वोटर हैं। इनमें से करीब 20 फीसदी जनसंख्या मुस्लिम समुदाय की है।