शाहजहांपुर

लोकसभा चुनाव: कांग्रेस का गढ़ कहलाने वाली इस सीट पर मोदी लहर पड़ी थी भारी, 2019 में बीजेपी कर रही वापसी की तैयारी, जानिए पूरा हाल!

 
जानिए शाहजहांपुर लोकसभा सीट का राजनीतिक इतिहास।

शाहजहांपुरFeb 09, 2019 / 12:43 pm

suchita mishra

शाहजहांपुर। शाहजहांपुर लोकसभा सीट कभी कांग्रेस का गढ़ कहलाती थी। इस पर कांग्रेस के दिग्गज नेता जितेंद्र प्रसाद करिश्माई अंदाज से अपनी जीत दर्ज कराते आए हैं। लेकिन वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा ने कांग्रेस के वर्षों पुराने इस गढ़ पर अपना कब्जा जमा लिया। यहां पर मोदी लहर का असर हुआ और केंद्रीय मंत्री कृष्णा राज ने बड़े अंतर से चुनाव जीता। अब 2019 के चुनाव में भी बीजेपी की नजर इस सीट पर टिकी हुई है। आइए एक नजर डालते हैं इस सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि पर।
1962 में वर्चस्व में आयी थी
वर्ष 1962 के लोकसभा चुनाव के दौरान शाहजहांपुर सीट वर्चस्व में आई थी। शुरुआती तीन चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस ही विजय रही। लेकिन 1977 में जनता दल ने कांग्रेस को हराकर यहां जीत हासिल की थी। हालांकि तीन साल 1980 में यहां कांग्रेस ने वापसी की और जितेंद्र प्रसाद ने बड़े अंतर से जीत हासिल की। इसके बाद 1984 में भी जितेंद्र प्रसाद यहां से जीते।
वर्ष 1990 के आसपास भाजपा ने यहां अपने पैर पसारने शुरू किए और 1989, 1991 के चुनाव में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की। 1996 के चुनाव में इस सीट से समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की। लेकिन 1998 में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी यहां से जीत कर आई। हालांकि, एक बार फिर 1999 में चुनाव हुए और जितेंद्र प्रसाद जीत कर सांसद बने।
जितेंद्र प्रसाद के बाद उनके बेटे जितिन प्रसाद का कब्जा
2001 में जितेंद्र प्रसाद की मृत्यु के बाद 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में उनके बेटे जितिन प्रसाद ने शाहजहांपुर सीट पर अपना कब्जा जमाया। 2009 के चुनाव में ये सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गयी।
मोदी लहर का असर
वर्ष 2014 के चुनाव में यहां मोदी लहर का असर हुआ और भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ीं कृष्णा राज ने यहां करीब ढाई लाख वोटों से जीत हासिल की। उस समय बहुजन समाज पार्टी दूसरे और समाजवादी पार्टी तीसरे नंबर पर रही थी।
विधानसभा चुनावों में भी बरकरार रहा भाजपा का करिश्मा
शाहजहांपुर लोकसभा क्षेत्र के अंदर कुल 6 विधानसभा सीट कटरा, जलालाबाद, तिलहर, पुवायां, शाहजहांपुर और ददरौल आती हैं। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने अपना करिश्मा दिखाया और छह में से पांच सीटों पर जीत हासिल की। जलालाबाद में समाजवादी पार्टी जीत पाई।
ये है समीकरण
2014 के लोकसभा चुनाव के अनुसार इस सीट पर करीब 19 लाख से अधिक वोटर हैं। इसमें करीब 11 लाख पुरुष और करीब 8 लाख महिला वोटर हैं। इनमें से करीब 20 फीसदी जनसंख्या मुस्लिम समुदाय की है।
 

 

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