एसपी को भेजे गए पत्र में चिन्मयानंद ने कहा है कि वो 9 अगस्त को जब अपने आश्रम में बैठे थे तो सचिन सेंगर नाम का एक युवक उनके पास आया। पत्र में बताया गया कि उनके पास आए युवक ने वीडियो का हवाला दिया और कहा कि उसके पास ऐसे वीडियो हैं जिनके उजागर होने पर मुकदमा दर्ज हो सकता है और उसने उस वीडियो के बदले पांच करोड़ रूपये की मांग की। इसके बाद जब चिन्मयानंद जब हरिद्वार के आश्रम में थे तो उनके वाट्सएप पर मैसेज कर वीडियो के बदले पांच करोड़ की रंगदारी मांगी गई। चिन्मयानंद ने पत्र में बताया है कि इस मामले में उनके वकील की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया था।
स्वामी चिन्मयानन्द ने पत्र में लिखा है कि मामले की जांच कर रही एसआईटी ने मीडिया को बताया है कि उक्त सभी लोग गिरोह बना कर काम कर रहे थे। इस समय सभी आरोपी जेल में बंद है। चिन्मयानंद का कहना है कि इस मामले में छात्रा के माता पिता भी शामिल हैं। चिन्मयानंद ने मांग की है कि सभी पर गैंगस्टर की कार्रवाई की जाए। चिन्मयानंद ने छात्रा के पिता और उसके एक साथी के आपराधिक इतिहास का हवाला भी पत्र में दिया है।