आपको बता दें कि शाहजहांपुर में कुल दस निकाय हैं। इनमें से चार नगरपालिका परिषद और छह नगर पंचायत हैं। इन सभी के बीच शाहजहांपुर नगर पालिका बेहद ख़ास मानी जा रही है। इसका कारण है कि पिछले 15 सालों से यहां के अध्यक्ष पद की कुर्सी पर समाजवादी पार्टी का कब्जा बना हुआ है। इस बार भाजपा सपा की इस कुर्सी पर कब्जा जमाकर अपना शक्ति प्रदर्शन करना चाहती है।
वहीं यूपी के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना भी इसी नगरपालिका इलाके के आसपास रहते हैं। वे शाहजहांपुर जिले से आठ बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं, इसके बावजूद नगर निकाय चुनावों में भाजपा को जीत दिलाने में नाकामयाब रहे हैं। इस बार राजनीतिक दांव खेलते हुए भाजपा ने कांग्रेसी परिवार प्रसाद भवन की बड़ी बहू नीलिमा प्रसाद निकाय चुनावों में अध्यक्ष पद का दावेदार बनाया है। ताकि शाहजहांपुर नगर पालिका सीट को इस बार हर हाल में जीता जा सके।
दूसरी ओर भाजपाइयों के बीच टिकट को लेकर हुए विवाद को सुलझाने में मंत्री सुरेश खन्ना कामयाब नहीं हो सके। कुछ दिनों पहले कार्यकर्ताओं ने उन पर गंभीर आरोप लगाते हुए, उन्हें शाहजहांपुर स्थित उनके ही आवास पर बंधक बना लिया था। उन कार्यकर्ताओं ने अब सुरेश खन्ना से भी दूरी बना ली है। ऐसे में पार्टी को डर है कि ये विवाद कहीं 2019 के लोकसभा में बड़ी मुसीबत न बन जाए, इस लिहाज से कार्यकर्ताओं को समझाने के लिए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को शाहजहांपुर भेजा जा रहा है। आपको बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा नेताओं की अंतर्कलह सामने आने पर खुद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को आनन फानन में शाहजहांपुर आना पड़ा था जिसके बाद मामला किसी तरह शांत हुआ था।