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रो पड़े डीएम, जब बेबस पिता के सुसाइड नोट में पढ़ी बेटों के जुल्म की कहानी

locationशाहजहांपुरPublished: Nov 16, 2017 10:49:04 am

Submitted by:

suchita mishra

पिता ने आत्महत्या से पहले डीएम और एसपी के नाम सुसाइड नोट लिखकर अपने बेटों के जुल्मों को बयां किया था और अपने लिए न्याय की मांग की थी।

Rajendra Babu

Rajendra Babu

शाहजहांपुर। जिले में एक बेबस पिता ने बेटे और पोते के जुल्मों से तंग आकर सोमवार को आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या से पहले बुजुर्ग पिता राजेन्द्र बाबू ने डीएम नरेंद्र सिंह और एसपी के बी सिंह के नाम एक सुसाइड नोट लिखा था। इस नोट में उन्होंने अपने असहनीय दर्द की दास्तां को बयां किया था। साथ ही अपनी मौत का जिम्मेदार अपने बेटे मनोज व पोते शानू को बताया था। राजेन्द्र की मृत्यु के बाद जब डीएम ने उनका लिखा सुसाइड नोट पढ़ा तो उनकी पीड़ा महसूस करके वे अपने आंसू नहीं रोक पाए। उनका गला भर आया और उन्होंने कहा कि वे इस मामले की जांच कराकर बेबस पिता के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाएंगे।
ये था मामला
घटना थाना कलान के ग्राम मुबारिकपुर गांव की है। इस गांव के रहने वाले राजेन्द्र बाबू की पत्नी करीब 20 वर्ष पहले उनका साथ छोड़कर चलीं गईं। पत्नी की मृत्यु के बाद राजेन्द्र ने अपने तीन बेटों मनोज, सनोज और दीपू का गांव में मकान बनवा दिया और खुद गांव से बाहर के इलाके में एक अलग घर में रहने लगे। उनके तीनों बेटे शादीशुदा हैं। राजेन्द्र ने अपने सुसाइड नोट में बेटे मनोज और पोते शानू के जुल्मों के बारे लिखा था और उन्हें ही अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया था।
ये लिखा था सुसाइड नोट में
मेरा बेटा मनोज और पोता शानू मुझे बहुत परेशान करते हैं। यहां तक कि गंदी गालियां देकर सड़क पर घसीट घसीटकर पीटते हैं। उनके जुल्मों की अब इंतहा हो गई। जिस पिता के बेटे उसे सड़क पर घसीट कर पीटें, वो दुनिया में किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहता। लिहाजा मैंं अपने तीनों बेटों को अपनी लाश की अंत्येष्टि का भी अधिकार नहीं देना चाहता। उन्होंने डीएम और एसपी से न्याय की गुहार लगाते हुए लिखा कि मेरे बेटे मनोज और पोते शानू ने मुझे आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया है। मैं चाहता हूं कि मेरे मरने के बाद मुझे न्याय मिले ताकि कोई बेटा अपने बुजुर्ग माता पिता को इस तरह न सता सके।
आपको बता दें कि सुसाइड नोट लिखने के बाद बेबस पिता ने एक सूखे कुएं में घास फूस और लकड़ी डालकर उसमें आग लगा दी और कुएं की चौखट पर बैठकर अपनी कनपटी पर तमंचा रखकर गोली मार दी थी। शायद वे चाहते थे कि उनका शव कुएं में जलती आग में गिरेगा तो उनके बेटे उसे हाथ नहीं लगा पाएंगे। लेकिन उनका शव कुएं में न गिरकर जमीन पर गिर गया। अगले दिन खेत में काम पर निकले ग्रामीणों को वो शव खून में लथपथ मिला था। शव के नीचे दबी हुई बीयर की एक बोतल भी मिली थी जिसमें तेजाब था। पास में ही एक केरोसिन आॅयल का डिब्बा मिला था।
नोट पढ़कर ये बोले डीएम
मृतक का सुसाइड नोट पढ़ने के बाद डीएम नरेंद्र सिंह के आंसू छलक पड़े। उनका कहना था कि ये बेहद संवेदनशील मामला है। इस मामले की निष्पक्ष जांच करके दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे। वहीं शाहजहांपुर थाना कलान पुलिस ने डीएम और एसपी को सम्बोधित सुसाइड नोट को पूरी तरह नजरअंदाज कर मृतक राजेंद्र के खिलाफ ही धारा 309 में मुकदमा दर्ज कर दिया है। सीओ जलालाबाद बलदेब सिंह खनेड़ा के अनुसार मृतक बेहद क्रूर व्यक्ति था। जो मरते समय अपनी ही औलाद को अपनी मौत का जिम्मेदार बना गया। वहीं ग्रामीणों की मानें तो राजेन्द्र बहुत ही मिलनसार इंसान होने के साथ ही एक अच्छे पिता थे। लेकिन उनके बेटों ने उनकी बुरी दुर्दशा कर रखी थी।
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