सुरक्षा एजेंसी के अधिकारी ने किया खुलासा सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक़ अब से कुछ साल पहले चार पाकिस्तानी नागरिक अब्दुल हमीद खां पुत्र रहीम खां, हबीबुर्ररहमान पुत्र बादशाह, शफीक हुसैन पुत्र शब्बीर हुसैन और लियाकत हुसैन पुत्र रहीम बख्श अपने मुल्क पाकिस्तान से भारत आये थे। ख़ास बात ये है कि चारों अपने- अपने वीजा पर भारत- पाकिस्तान बॉर्डर पर शाहजहांपुर जाने की बात कहकर भारत में घुस तो आये लेकिन आज तक वापस नहीं गए हैं। सुरक्षा एजेंसी के अधिकारी के मुताबिक़ शाहजहांपुर में जब से मैं आया हूं चार पाकिस्तानी नागरिकों के यहां आने की बात पता होने के बाद भी आज तक उनका कोई सुराग नहीं लगा है। सुरक्षा ऐजेंसी के अधिकारी पूर्व अधिकारियों द्वारा खोजबीन में की गयी लापरवाही के बारे में बड़ी लापरवाही बताते हैं।
अधिकारियों ने डाला लापरवाही पर पर्दा वहीं दूसरी ओर अधिकारी अपनी और अपने सीनियर्स अधिकारियों की गलती पर किस तरह पर्दा डालने का काम कर रहे हैं उसे सुनकर आप और ज्यादा आश्चर्यचकित रह जाएंगे। अधिकारियों ने चारों पाकिस्तानियों को ढूंढ़ने की बजाय माना है कि
वह किसी दुर्घटना, बीमारी या फिर या फिर अपनी मौत मर गए होंगे। ये है प्रक्रिया आपको बता दें कि पाकिस्तान से भारत आने वाले व्यक्ति को पंजाब के अटारी बॉर्डर, बाघा बॉर्डर और राजस्थान बॉर्डर से सेना की कड़ी जांच निगरानी से होकर गुजरना पड़ता है। जहां उसे बॉर्डर पर एक प्रवेश पास दिया जाता है और भारत से अपने मुल्क वापस जाते वक्त उस प्रवेश पास को जमा करना होता है। अब बड़ा सवाल ये है कि आखिर सेना ने जब इतनी कड़ी जांच पड़ताल के बाद चारों पाकिस्तानी नागरिक वापस जाते तो उनका पास जमा होता। पास जमा नहीं है तो यूपी पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने उनकी कोई खोज खबर क्य़ों नहीं ली।