शाहजहांपुर की नगर पालिका उत्तर प्रदेश में अपनी निजी सम्पत्ति के मामले में कई जिलों से आगे मानी जाती है। करीब एक साल पहले नगर पालिका से अचानक सम्पत्ति रजिस्टर लापता होने का मामला सामने आया। सम्पत्ति के रजिस्टर के लापता होते ही नगर पालिका क्षेत्र की हजारों करोड़ की अकूत सम्पत्ति भी लापता हो गई है। सम्पत्ति रजिस्टर में साल 1945 के बाद की सारी सम्पत्तियों का ब्योरा दर्ज था। इसमें बेश्कीमती जमीनें, तालाब और भवन शामिल हैं।
आरोप है कि एक साजिश के तहत नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी ने सपा नेता और पिछले 15 साल से अब तक के निवर्तमान चेयरमैन पद पर काबिज तनवीर खान के मिलीभगत से ये रजिस्टर गायब करवाया है। सम्पत्ति रजिस्टर गायब होने के बाद से नगर पालिका की इन बेश्कीमती सम्पत्तियों पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर लिया। लोगों की मानें तो नगर पालिका से जुड़े नेता और अधिकारी सहित कर्मचारी देखते ही देखते मालामाल हो गये हैं।
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद नगर विकास मंत्री सुरेश खंन्ना ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे। जिसके आधार पर शाहजहांपुर के डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट विनय प्रकाश श्रीवास्तव की अगुआई में चार सीनियर मजिस्ट्रेट को नगर पालिका की सम्पत्ति और गायब रजिस्टर की जांच का जिम्मा दिया था। हाल ही इस मामले में जांच रिपोर्ट आने के बाद थाना सदर बाजार में कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। साथ ही पिछले 17 वर्षों से अब तक शाहजहांपुर नगर पालिका परिषद् में तैनात रहे सभी अधिकारियों, कर्मचारियों व चेयरमैन से जवाब मांगा गया है।
भूमाफिया बन गए नगर पालिका की जमीन के मालिक
आपको बता दें कि नगर पालिका की कई सम्पत्तियों पर भूमाफिया पहले से ही कब्जा जमाए बैठे थे, लेकिन सम्पत्ति रजिस्टर के गायब होने के बाद से वे भूमाफियां उसी सम्पत्ति के मालिक बन बैठे हैं। बताया जा रहा है कि शाहजहांपुर नगर पालिका के चेयरमैन व सपा नेता तनवीर खान पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं। वर्तमान में वे ही सपा के जिलाध्यक्ष हैं।