याची के अधिवक्ता का कहना है कि स्वामी चिन्मयानन्द से ब्लैकमेलिंग की गई है और मांग न माने जाने पर उन्हें दुष्कर्म के फर्जी आरोप में फंसाया गया है। पीड़िता के पिता ने उसके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई जबकि वो अपने दोस्तों के साथ खुद ही शाहजहांपुर से चली गई थी। वह फोन पर लगातार अपने परिवार से सम्पर्क में थी और पांच करोड़ की रंगदारी मांगी। अधिवक्ता का ये भी कहना है कि हिन्दू संतों को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीँ पीड़िता के अधिवक्ता ने कहा कि चिन्मयानन्द ने अपराध किया है और इसका वीडियो साक्ष्य भी है। पहले भी एक साध्वी ने चिन्मयानन्द पर ऐसा आरोप लगाया था।