स्वामी चिन्मयानंद भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। एनडीए सरकार में गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं और राम मंदिर आंदोलन के बड़े नेता रहे हैं। वे 1991 में बदायूं से और 1998 में मछलीशहर से लोकसभा सांसद रहे। वर्ष 1999 में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में उत्तर प्रदेश के जौनपुर से लोकसभा के लिए चुने गए।
स्वामी चिन्मयानंद का विवादों से पुराना नाता है। वर्ष 2011 में उनके आश्रम में रहने वाली एक युवती ने उनके खिलाफ अपहरण और दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करायी थी। उनके खिलाफ सात साल बलात्कार का केस भी चला, लेकिन अप्रैल 2018 में, यूपी की योगी सरकार ने केस वापस ले लिया।
स्वामी चिन्मयानंद को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करीबी माना जाता है। कहा जाता है कि स्वामी चिन्मयानंद योगी आदित्यानाथ के गुरु महंत अवैद्यनाथ के बेहद प्रिय थे, इस कारण योगी आदित्यनाथ उन्हें अपने बड़े भाई से भी ज्यादा सम्मान देते हैं। जब योगी मुख्यमंत्री बने थे तो उन्होंने चिन्मयानंद को खुद फोन करके जानकारी दी थी, जिसके बाद स्वामी चिन्मयानंद बेहद खुश हुए थे और खुशी में डांस भी किया था जिसका वीडियो बाद में सामने आया था।
छात्रा के साथ दुष्कर्म के मामले में चिन्मयानंद की गिरफ्तारी में देरी पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सवाल उठाया था। उन्होंने ट्वीट कर योगी सरकार पर चिन्मयानंद को संरक्षण देने का आरोप लगाया था।
शाहजहांपुर में चिन्मयानंद का मुमुक्षु आश्रम है, साथ ही वे वहां एसएस लॉ कॉलेज के नाम से एक कॉलेज भी चलाते हैं। उन्हीं के लॉ कॉलेज की स्टूडेंट ने चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। कुछ समय पहले छात्रा ने फेसबुक लाइव करके चिन्मयानंद पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद से एसआईटी मामले की जांच कर रही थी। इसको लेकर छात्रा के बयान भी दर्ज किए जा चुके हैं। वहीं छात्रा ने चिन्मयानंद के खिलाफ सबूत भी एसआईटी को सौंप दिए हैं। लेकिन चिन्मयानंद की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। इस बात से नाराज होकर ही छात्रा ने आत्महत्या की धमकी दी थी। छात्रा की धमकी के बाद से लगातार चिन्मयानंद की गिरफ्तारी के लिए आवाजें उठ रही थीं। कांग्रेस ने भी सरकार पर चिन्मयानंद को संरक्षण देने का आरोप लगाया था। इसके बाद आज यानी 20 सितंबर को चिन्मयानंद को एसआईटी ने मुमुक्षु आश्रम से गिरफ्तार किया। हालांकि चिन्मयानंद और उनके समर्थक लगातार कह रहे थे कि वे निर्दोष हैं और उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
स्वामी चिन्मयानंद का जन्म गोंडा शहर के एक रसूखदार परिवार में हुआ था। स्वामी चिन्मयानंद ने एमए की पढ़ाई लखनऊ यूनिवर्सिटी से की, इसके बाद डॉक्टरेट की डिग्री भी हासिल की। वे परामर्थ और विवेक रश्मि नामक दो मासिक पत्रिकाओं के संपादक हैं। स्वामी चिन्मयानंद उपनिषद सार, गीता बोध, भक्ति वैभव, परमार्थ पथ, अथातो सत्य जिज्ञासा, अंधेरे में भटकती आत्मा आदि तमाम पुस्तकें लिख चुके हैं।