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मैगी नूडल्स के सैम्पल फेल, कंपनी पर 45 लाख का जुर्माना, बेचने वालों को भी सजा

locationशाहजहांपुरPublished: Nov 28, 2017 07:27:04 pm

मैगी के सैम्पल फेल होने पर जिला प्रशासन ने नेस्ले कंपनी समेत डिस्ट्रीब्यूटर व विक्रेकताओं पर कुल 62 लाख का जुर्माना लगाया है।

शाहजहांपुर। मैगी बनाने वाली मल्टीनेशनल कंपनी नेस्ले पर शाहजहांपुर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। मैगी के सैम्पल फेल होने पर जिला प्रशासन ने नेस्ले कंपनी समेत डिस्ट्रीब्यूटर व विक्रेकताओं पर कुल 62 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इस कार्रवाई से प्रदेश के व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
जांच में फेल हुए मैगी के सैम्पल
दो साल पहले सैम्पल फेल होने पर मैगी ब्रांड के उत्पीदों की बिक्री को बंद कर दिया गया था। इसके बावजूद शाहजहांपुर समेत कई जिलों में खुदरा रूप में इन उत्पादों की बिक्री होती रही थी। जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने छापेमारी अभियान चलाकर कर मैगी के सैम्पल लिए थे। ये सैम्पल जांच के लिए राजकीय जन विश्लेषक प्रयोगशाला लखनऊ भेजे गए थे। जांच रिपोर्ट से पता चला कि सभी नमूनों में एश कंटेट की मात्रा तय मानक से कई गुना अधिक पाई गई।
नेस्ले कंपनी पर 45 लाख का जुर्माना
इस संबंध में मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया। इस मामले में सुनवाई करते हुए सोमवार को न्याय निर्णायक अधिकारी/एडीएम जितेंद्र कुमार शर्मा ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम की धारा 51 के तहत नेस्ले कंपनी पर 45 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही डिस्ट्रीब्यूटर समेत छह विक्रेताओं को 17 लाख रुपये का जुर्माना भरने की सजा सुनाई है। जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि ये कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
दो साल पहले बंद हुई थी बिक्री
गौरतलब है कि दो साल पहले भी मैगी के सैम्पल फेल हुए थे। जिसके चलते मैगी ब्रांड के कई उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी गई थी। उस वक्त भी मैगी में एश कंटेट की मात्रा निर्धारित मानक से ज्यादा पाई गई। बता दें कि नेस्ले कंपनी का मैगी नूडल्स बच्चों में काफी लोकप्रिय है और वे इस ज्यादा खाते है। डॉक्टर्स के मुताबिक एश की ज्यादा मात्रा बच्चों की सेहत पर बुरा असर डाल सकती है। वहीं लोगों का कहना है कि ऐसी कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
नेस्ल ने जारी किया बयान
जुर्माना लगने के बाद नेस्ले कंपनी ने बयान जारी किया है। जिसमें कंपनी ने दावा किया है कि मैगी नूडल्स 100 प्रतिशत सुरक्षित हैं। अभी तक कंपनी को एडज्यूडिकेशन अधिकारी द्वारा पारित आदेश नहीं मिले हैं, लेकिन ये सूचना मिली है कि ये नमूने 2015 के हैं और ये समस्या नूडल्स से राख की सामग्री से संबंधित है। यह मापदंडों के त्रुटि का मामला लगता है। आदेश मिलने के बाद कंपनी तत्काल अपील दायर करेगी।
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