इलाके में हो चुकी कई पक्षियों की मौत
दरअसल थाना बंडा के चिकटिया गांव में स्थानीय लोगों ने आज सुबह प्यास से तड़पते हुए एक मोर को देखा था। कुछ ही घंटों में प्यास से तड़पते मोर की दर्दनाक मौत हो गई। गांव के रहने वाले श्रीकृष्ण ने बताया कि भीषण गर्मी के चलते इलाके मे आसपास के सभी पानी के तालाब और नाले सूख चुके हैं जिसके चलते यहां रहने वाले पशु पक्षी पानी को तरस गए हैं। पानी ना मिलने से ही प्यास से तड़प कर राष्ट्रीय पक्षी मोर की भी तड़पकर दर्दनाक मौत हो गई। स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि इलाके में अब तक पानी की कमी से कई पक्षियों की मौत हो चुकी है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने राष्ट्रीय पक्षी मोर का शव कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
दरअसल थाना बंडा के चिकटिया गांव में स्थानीय लोगों ने आज सुबह प्यास से तड़पते हुए एक मोर को देखा था। कुछ ही घंटों में प्यास से तड़पते मोर की दर्दनाक मौत हो गई। गांव के रहने वाले श्रीकृष्ण ने बताया कि भीषण गर्मी के चलते इलाके मे आसपास के सभी पानी के तालाब और नाले सूख चुके हैं जिसके चलते यहां रहने वाले पशु पक्षी पानी को तरस गए हैं। पानी ना मिलने से ही प्यास से तड़प कर राष्ट्रीय पक्षी मोर की भी तड़पकर दर्दनाक मौत हो गई। स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि इलाके में अब तक पानी की कमी से कई पक्षियों की मौत हो चुकी है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने राष्ट्रीय पक्षी मोर का शव कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
वन विभाग के अधिकारियों की अपील
वन विभाग के चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिमोहन वर्मा ने बताया कि मोर की मौत भीषण गर्मी मे पानी न मिलने के कारण हुई है। नालों और तालाबों का पानी सूख चुका है जिसके चलते पशु पक्षियों को पानी नहीं मिल पा रहा है। बाकी मोर के शव पर कोई चोट खरोच का निशान नहीं हैं। मोर तालाब के पास पानी पीने आया था लेकिन तालाब पूरी तरह से सूख चुका है जिसके चलते मोर ने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया। फिलहाल मोर का पोस्टमार्टम किया जा रहा है। वहीं लोगों से अपील है कि अपनी छतों पर पानी जरूर रखें। किसान खेतों में पानी लगाते समय गड्ढे मे पानी भर दें ताकि किसी भी पक्षी की जान न जाए।
वन विभाग के चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिमोहन वर्मा ने बताया कि मोर की मौत भीषण गर्मी मे पानी न मिलने के कारण हुई है। नालों और तालाबों का पानी सूख चुका है जिसके चलते पशु पक्षियों को पानी नहीं मिल पा रहा है। बाकी मोर के शव पर कोई चोट खरोच का निशान नहीं हैं। मोर तालाब के पास पानी पीने आया था लेकिन तालाब पूरी तरह से सूख चुका है जिसके चलते मोर ने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया। फिलहाल मोर का पोस्टमार्टम किया जा रहा है। वहीं लोगों से अपील है कि अपनी छतों पर पानी जरूर रखें। किसान खेतों में पानी लगाते समय गड्ढे मे पानी भर दें ताकि किसी भी पक्षी की जान न जाए।