खन्ना ने कुछ यूं बताई पूरी बात। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को एक भाजपा कार्यकर्ता आया और मेरे सामने पहले उसने टिकिट दिलवाने की मांग की। जब मैंने उसे समझाने की कोशिश की तो नाराज होकर मेरी कुर्सी के पास ही धरने पर बैठ गया। सुरेश खन्ना ने हंसते हुए कहा कि इसबार जान बहुत मुसीबत में है, सब तो अपने है। सभी नाराज और खुश हो रहे हैं। दीपावली के अवसर पर शाहजहांपुर में राजभवन में सुरेश खन्ना से लोग मिलने पहुंचे थे। जहां खन्ना ने लोगों से बातचीत भी की।
वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष राकेश मिश्र कार्यकर्ताओं को अनुशासन में रहने की नसीहत दे रहे है। उनका कहना है कि भाजपा के किसी भी कार्यकर्ता का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। धरना देने से टिकिट नहीं मिलने वाला है। भाजपा अपने पुराने कार्यकर्ताओ को तरजीह देगी। जो लोग दूसरी पार्टियों से भाजपा में आये है उनकी पार्टी के प्रति निष्ठा की भी जांच की जा रही है। आपको बता दें की वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में टिकिट वितरण में भाजपा ने बाहरी लोगों को ज्यादा तरजीह दी। जिसके विरोध में पुराने कार्यकर्ताओं ने प्रधान मंत्री को खून से लिखे खत तक भेजे। जिन्हे बाद में पार्टी से निकाल दिया गया।
कुल हैं दस सीटें जिले में कुल 10 सीटों पर निकाय चुनाव होना है। जिसमें शाहजहांपुर, तिलहर ,पुवायां और जलालाबाद कुल चार नगर पालिकाएं और खुदागंज , कटरा, खुटार, रोजा, काँट और अल्लाहगंज 6 नगर पंचायतें हैं। ख़ास बात ये है कि जिले की हर सीट के लिए अकेले भाजपा में ही एक एक दर्जन से अधिक दावेदार है। और सभी दावेदार अपने को जिताऊ और टिकाऊ मान कर लम्बे समय से होर्डिंग ,पोस्टर बैनर से अपनी अपनी खूबियां दिखाकर मजबूती पेश कर रहे है।
ख़ास बात ये भी है कि 2014 लोकसभा और 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा लहर का असर साफ दिखाई दिया। इसी के चलते अब भाजपा के पुराने कार्यकर्ताओ के अलावा हाल ही में दूसरी पार्टियों से हाल में भाजपा में पहुंचे सभी लोग नगर निकाय चुनाव में जीत का लड्डू खाने को बेताब है।