बाबा साहब का बोलबाला
जितिन प्रसाद के पिता कुंवर जितेंद्र प्रसाद उर्फ बाबा साहब लखनऊ से दिल्ली की राजनीति में सक्रिय रहे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितेंद्र प्रसाद 1970 में एमएलसी रहे। 1971, 1980, 1984 और 1999 में शाहजहांपुर लोकसभा से चुनाव जीतकर सांसद बने। 1994 से 1999 तक राज्यसभा सदस्य भी रहे। जितेंद्र प्रसाद ने सोनिया गांधी के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव भी लड़ा था।
2001 में बाबा साहब का निधन
साल 2001 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुंवर जितेंद्र प्रसाद उर्फ बाबा साहब की मृत्यु हो गई थी। उनकी मृत्यु के बाद जब प्रसाद भवन पर राजनीति खिसकने का संकट गहराया तो बाबा साहब की पत्नी कान्ता प्रसाद ने बेटे जितिन प्रसाद को राजनीति का ककहरा सिखाने व राजनीतिक विरासत संभालने में मदद करने को घर की देहरी लांघी थी। कुंवर जितिन प्रसाद ने मजबूती से अपने पिता के पद चिन्हों पर चलकर सियासत की राह पकड़ी।
जितिन ने दो बार जीता चुनाव
2004 में शाहजहांपुर और 2009 में लखीमपुर खीरी के धौरहारा लोकसभा सीट से जितिन प्रसाद ने चुनाव जीता। दोनों बार वो मनमोहन सिंह की कैबिनेट में मंत्री भी रहे। 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के चलते जितिन प्रसाद को मुंह की खानी पड़ी। जिसके बाद 2017 में कांग्रेस ने जितिन प्रसाद को तिलहर विधानसभा सीट से उतारा, लेकिन इस चुनाव में भी वो जीत हासिल नहीं कर सके।
भाजपा से टिकट मिलने की चर्चा
आज एक बार फिर प्रसाद भवन से राजनीति धीरे धीरे खिसक रही है। अब इसको बचाने के लिए जितिन प्रसाद के चचेरे भाई जयेश प्रसाद की पत्नी नीलिमा प्रसाद नगरपालिका चेयरमैन पद का चुनाव लड़ेंगी। खास बात यह है कि नीलिमा प्रसाद के भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की चर्चाएं हो रही हैं।
ये भी पढ़ें- चुनाव मैदान में उतरेंगी राजघराने की बड़ी बहू, टिकट दावेदारों के उड़े होश नीलिता के पति कुंवर जयेश प्रसाद शाहजहांपुर-पीलीभीत से एमएलसी रह चुके हैं। इससे पहले वो सपा में थे। वहीं दूसरी ओर उनके भाई कुंवर जितिन प्रसाद कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के बेहद करीबी हैं।