scriptसमाजवादी कुनबे में शांति के लिए दिवाली से पहले हुआ उल्लू पूजन  | Owl Puja For the Peace of Mulayam Family Before Diwali | Patrika News

समाजवादी कुनबे में शांति के लिए दिवाली से पहले हुआ उल्लू पूजन 

locationशाहजहांपुरPublished: Oct 28, 2016 09:18:00 am

Submitted by:

Sudhanshu Trivedi

पढ़े लिखे लोगों की अनोखी परंपरा।  

Owl puja

Owl puja

शाहजहाँपुर. कुर्सी के चक्कर में जहां उत्तर प्रदेश में समाजवादी कुनबा बिखरने के कगार पर है वहीं इस कुनबे को बिखरने से बचाने के लिए गुरुवार को शाहजहांपुर में पृथ्वी संस्था की ओर से उल्लू पूजन किया गया। 

हर साल किसी बड़ी समस्या के लिए करते हैं पूजन 
दरअसल यह संस्था पिछले कई सालों से हर साल दीपावली से पहले उल्लू पूजन करती है। यह उल्लू पूजन हर साल देश या प्रदेश में हो रही किसी बड़ी समस्या को समर्पित होता है। ख़ास बात ये है कि उल्लू पूजन को सूर्यास्त के वक्त करते हैं और इस उल्लू को नंगे पाँव देवहूती (गर्रा) नदी में प्रवाहित करते हैं। 


परंपरा को मानने वाले पढ़े लिखे लोग हैं 
सूर्यास्त के वक्त दिवाली से पहले उल्लू पूजन कर रहे पृथ्वी संस्था के ये पढ़े लिखे प्रोफ़ेसर लोग हैं। ये लोग हर साल देश या फिर प्रदेश की किसी भी बड़ी समस्या के लिए उल्लू पूजन करते हैं। एसएस कॉलेज शाहजहांपुर के प्रोफेसर डा. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि आज दिवाली से पहले हुआ ये उल्लू पूजन उत्तर प्रदेश में समाजवादी कुनबे में कुर्सी के लिए जो घमासान मचा हुआ है उस घमासान को शांत करने और प्रदेश की तरक्की के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि उल्लू को दिन में भी दिखाई नहीं देता है। उसी प्रकार समाजवादी नेताओं को भी अभी कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। उम्मीद है कि पूजन के बाद उनकी बु​​दिध सही होगी और प्रदेश का राजनीतिक माहौल भी सुधरेगा। 


ईंट को उल्लू मानकर करते हैं पूजन
इस उल्लू पूजन में स्वामी शुकदेवानंद के कई अहम् विषयों के प्रोफ़ेसर शामिल हुए। ये प्रोफ़ेसर हर साल दिवाली से पहले उल्लू पूजन कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। इस पूजन में एक ईंट को उल्लू मानकर उसका आंशिक पूजन किया जाता है और पूजन के बाद उल्लू को नंगे पाँव शाहजहांपुर के छोर पर बहने वाली गर्रा (देवहूती ) नदी में प्रवाहित करते हैं ताकि विनाश को रोका जा सके। 

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