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विकलांग पेंशन योजना मे करोड़ो का घोटाला

locationशाहजहांपुरPublished: May 26, 2018 06:27:29 pm

Submitted by:

suchita mishra

तहसील दिवस के दौरान जिलाधिकारी को विकलांग विभाग के खिलाफ पेंशन घोटाले की शिकायत मिली थी। जांच कराने पर घोटाले का हुआ खुलासा।

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शाहजहांपुर। यूपी के शाहजहांपुर में विकलांग पेंशन योजना में करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया है। घोटाले का खुलासा खुद जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी ने किया है। यहां घोटालेबाज अफसरों ने मृतकों और स्वस्थ लोगों को विकलांग बनाकर करोड़ों का पेंशन घोटाला कर दिया है। जिलाधिकारी ने कार्रवाई करते हुए दो तत्कालीन जिला विकलांग अधिकारियों और तीन बाबुओं सहित 6 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और सरकारी धन का गबन सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया है। फिलहाल अब जिलाधिकारी ने पूरे जनपद को 250 सेक्टर में बांट कर तमाम योजनाओं की जांच शुरू करवा दी है।
मरे हुए लोगों के नाम हड़प ली पेंशन
दरअसल जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी को तहसील दिवस के दौरान विकलांग विभाग के खिलाफ पेंशन घोटाले की शिकायत मिली थी। जब जिलाधिकारी ने मिर्जापुर और कलान ब्लॉक के कुछ गांवों में इसी जांच कराई तो मामले का खुलासा हो गया। महज दो ब्लॉकों में ही सैकड़ों ऐसे लोग मिले जो विकलांग नहीं थे। दर्जनों ऐसे थे, जो जिन्दा ही नहीं थे। वहीं कई ऐसे लाभार्थी मिले जो गांव में रहते ही नहीं थे। ये पूरा घोटाला वर्ष 2016 में सपा के कार्यकाल में किया गया था। जिलाधिकारी ने जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई करते हुए तत्कालीन जिला विकलांग अधिकारी रंजीत सोनकर और जिला विकलांग अधिकारी वीरपाल सहित छह कर्मचारियों के खिलाफ सदर थाने में गबन और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया है।
जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी ने बताया कि जांच मे सामने निकलकर आया कि कलान और मिर्जापुर के कई गांव ऐसे हैं, जिनमे करीब दो हजार लोग हैं जिनको खातों में सन 2016 मे 6-6 हजार रुपये भेजे गए हैं। जांच में निकलकर आया कि ये रकम उन खातों मे भेजी गई है जो अपात्र हैं। जिलाधिकारी का कहना है कि आरोपी अधिकारियों के निलंबन की संतुति कर दी है। साथ ही कड़ी कार्रवाई के लिए एसपी को भी सूचित किया है।
पहले भी हो चुका है घोटाला
आपको बता दें कि इससे पहले समाजकल्याण विभाग में भी करोड़ों रुपए का छात्रवृत्ति घोटाला हो चुका है, लेकिन वो घोटाला फाइलों में गुम हो गया। इस विकलांग घोटाले में जिलाधिकारी ने बिना देरी के सभी जिम्मेदार अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। डीएम के आदेश के बाद सभी की गिरफ्तारी की तैयारी की जा रही है। फिलहाल अब डीएम ने पूरे जनपद को 250 सेक्टर बांट कर दूसरी योजनाओं में गड़बड़ झाले की जांच शुरू कर दी है। जिलाधिकारी की कार्रवाई के बाद सरकारी महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
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