स्वामी चिन्मयानन्द मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित हुई एसआईटी ने स्वामी चिन्मयानंद को 20 सितंबर को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था। जहाँ से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। इस बीच स्वामी चिन्मयानंद की तबियत भी खराब हो गई जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए लखनऊ के पीजीआई में भर्ती कराया गया था। पीजीआई में इलाज के बाद स्वामी चिन्मयानंद की हालत में सुधार हुआ तो उन्हें फिर से शाहजहांपुर जेल भेज दिया गया। गुरूवार को चिन्मयानंद की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेशी हुई जहाँ पर उनकी न्यायिक हिरासत 16 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है।
स्वामी चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली छात्रा भी अपने तीन साथियों के साथ शाहजहांपुर की जिला जेल में बंद है। छात्रा और उसके साथियों पर स्वामी चिन्मयानंद से पांच करोड़ की रंगदारी मांगने का आरोप है। इस मामले में दोनों पक्षों ने जमानत की अर्जी भी लगाई थी लेकिन दोनों पक्षों की अर्जी खारिज हो चुकी है। जिसके बाद अब दोनों पक्ष हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है।
छात्रा की गिरफ्तारी के बाद स्वामी चिन्मयानदं के केस ने राजनितिक रंग ले लिया और तमाम विपक्षी दल छात्रा के पक्ष में आ गए। कम्युनिस्ट पार्टी की नेता वृंदा करात और सुभाषिनी अली छात्रा के पक्ष में शाहजहांपुर पहुंच गई तो समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपने एक प्रतिनिधिमंडल को जेल में बंद छात्रा से मिलने भेजा था लेकिन सपा नेताओं को छात्रा से मिलने की इजाजत नहीं दी गई। वहीँ कांग्रेस पार्टी ने छात्रा के पक्ष में न्याय यात्रा निकालने का एलान किया था लेकिन प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी और शाहजहांपुर में जमकर हंगामा हुआ और तमाम नेताओं की गिरफ्तारी हुई।