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Teen Talaq पीड़िता ने नरेन्द्र मोदी से लगाई बड़ी गुहार, इमाम ने किया विरोध

locationशाहजहांपुरPublished: Aug 24, 2017 08:15:00 am

Submitted by:

Santosh Pandey

इमाम ने कहा तलाकशुदा महिला बिना हलाला के स्वीकार्य नहीं

jeba khan

jeba khan

शाहजहांपुर। Superme Court द्वारा Teen Talaq को असंवैधानिक करार देेने के बाद तलाक पीड़ित महिलाओं में अब न्याय की उम्मीद जगी है। जिन्हे तीन साल पहले फोन पर उनके शौहर ने सऊदी अरब से तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया था। तलाक पीड़िता जेबा ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बड़ी गुहार लगाई है कि सरकार ऐसा कठोर कानून बनाए जिससे उन्हें न्याय मिले। वहीं शहर के एक इमाम ने कहा है कि देश की हुकूमत एक नहीं दस क़ानून बना ले पर जब तक Talaq का दाग लगी औरत का हलाला नहीं हो जाता वह इस्लाम में कबूल नहीं की जा सकती। शाहजहांपुर में तलाक से पीड़ित महिला ने मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया है। इस महिला को पति ने सउदी अरब से फोन पर तलाक दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने उस पर फैसला देकर महिलाओं को सुरक्षित कर दिया है। साथ ही पीड़ित महिला ने सरकार से मांग की है कि ऐसा कानून बनाया जाए जिससे कि तलाक देने वाले पति सोच भी न सके तलाक देने के लिए और साथ ही कानून बनाते वक्त उन महिलाओं का ध्यान रखना चाहिए जिनका तलाक हो चुका है और जो महिलाएं अभी भी पति के साथ रहना चाहती है।
दरअसल मोहल्ला अली जई निवासी सगीर खान ने 25 वर्षीय बेटी जेबा खान की शादी अलीगढ़ के अमीन निशा मार्केट के रहने वाले डॉक्टर जियाउददीन अहमद से की थी। जियाउददीन ईएनटी सर्जन फरूखाबाद के मेजर एसडी अस्पताल में तैनात है। तलाक पीङिता जेबा ने बताया कि उसकी शादी 2013 मे हुई थी। उसके पति की पहले भी एक शादी हो चुकी थी और साथ ही कई और महिलाओं से उनके संबंध भी थे। जब वह इसका विरोध करती थी तो उसका पति उसके साथ बेरहमी से मारपीट करता था। खर्चे के लिए पैसे नहीं देता था। इसके बाद जब पीड़िता ने मायके में आकर शिकायत की तो पंचायत हुई। फिर उसको पति के साथ भेज दिया गया। धीरे धीरे दोबारा पति ने दूसरी महिलाओं से संबंध बनाना शुरू कर दिए। एक दिन उसके पति ने कहा कि वह सऊदी अरब जा रहा है और कुछ दिन रूककर उसे भी वहां बुला लेगा। सऊदी अरब जाने से पहले उसको मायके छोङकर पति अरब चला गया। जेबा के मुताबिक कुछ दिन बाद पति का फोन आया और कहने लगा कि वह उसके साथ नही रहना चाहता इसलिए वह उसको तलाक दे रहा है। और उसने फोन पर तीन बार तलाक बोलकर फोन काट दिया।
दूसरी तरफ मौलाना हुजूर अहमद मंजरी साहब, शहर इमाम ने कोर्ट के फैसले को गलत करार दिया है और कहा है की तीन तलाक मुस्लिम ला के अन्दर एक कानून है जिसे सभी मुस्लिम मानते हैं ऐसे में कोई भी सरकार द्वारा जबरदस्ती का कानून नहीं मानेगा। मेरा मानना है की सरकार को इसपर कोई भी कानून बनाने की जरूरत नहीं है। हुकूमत एक नहीं 10 क़ानून बना ले लेकिन इसके बावजूद जो मुस्लिम कानून कहता है इस्लाम उसी के अनुसार अपना काम करेगा। जिस औरत को तलाक होगा वो बगैर हलाला के अपने शौहर के पास नहीं जा सकती।
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