#UP Election मोदी की मंत्री के लिए अपने ही बने चुनौती !
शाहजहांपुरPublished: Jul 17, 2016 01:06:00 pm
भजपा भले ही 2017 की लड़ाई के लिए दम भर रही हो, लेकिन उसके अपने ही अभी इस राह में चुनौती बने हुए हैं।
BJP Leader Krishnaraj and Suresh Khanna
शाहजहांपुर। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उतर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में अपना परचम लहराने को बेताब है, लेकिन उसके नेता अभी भी एकजुटते नहीं दिख रहे। मौजूदा हालातों को देखते हुए लगता है कि 2017 की लड़ाई से पहले बीजेपी की लड़ाई अपने ही नेताओं से रहेगी। शाहजहांपुर बीजेपी नेताओं के बीच चल रहे शीत युद्ध को देख कर तो ऐसा ही लग रहा है।
कृष्णाराज और सुरेश खन्ना के बीच बढ़ी तल्खी
दरअसल कृष्णाराज के केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री बनने के बाद वह दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र शाहजहांपुर आईं। इस दौरान भाजपा दो खेमों में बंटी हुई दिखाई दी। एक खेमा भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुरेश कुमार खन्ना का तो दूसरा खेमा सांसद कृष्णाराज का। खास बात यह भी है कि जिस दिन शाहजहांपुर की सांसद कृष्णाराज को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा रहा था उस वक्त वक्त भी भाजपा विधायक और नेता विधानमंडल दल सुरेश कुमार खन्ना सहित उनके समर्थक शोक में डूबे दिखाई दिए और किसी भी तरह की खुशी की झलक उनके समर्थकों में नहीं दिखी दी।
लोकसभा चुनाव से है टशन
दरअसल साल 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में सुरेश खन्ना और कृष्णराज की अनबन खुलकर सामने आ गई थी जिसमें सुरेश खन्ना कृष्णराज को चुनाव नहीं लड़वाना चाहते थे। चर्चाएं तो यह तक थी कि भाजपा विधायक सुरेश खन्ना ने अपने शीर्ष नेतृत्व को ये धमकी भी दी थी कि अगर उनकी इच्छा के विपरीत यदि शाहजहांपुर से कृष्णाराज को प्रत्याशी घोषित किया तो वो भाजपा छोड़ देंगे। तब उस वक्त भी भाजपा के नेता अमित शाह को खुद शाहजहांपुर आकर कृष्णाराज और भाजपा विधायक सुरेश कुमार खन्ना के बीच समझौते में अहम भूमिका निभानी पड़ी।