यहां का है मामला
मामला थाना खुटार क्षेत्र के लुकटाह गांव का है, जहां एक सप्ताह पहले महौत जाति के लोगों ने फंदा लगाकर एक गुलदार का शिकार कर लिया। इसके बाद ग्रामीण शिकारियों ने गुलदार को भाले से गोद कर मार डाला और उसके मास की दावत उड़ा ली। इतना ही नहीं ग्रामीणों ने उसके बचे हुए अंगों का भी बंटवारा कर लिया। इन्हीं शिकारियों में से एक नाराज शिकारी ने इसकी सूचना पुलिस और वन विभाग को दे दी, क्योंकि इस शिकारी को बाकी लोगों ने दावत के लिए मांस नहीं दिया था। इस खुलासे के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया।
मामला थाना खुटार क्षेत्र के लुकटाह गांव का है, जहां एक सप्ताह पहले महौत जाति के लोगों ने फंदा लगाकर एक गुलदार का शिकार कर लिया। इसके बाद ग्रामीण शिकारियों ने गुलदार को भाले से गोद कर मार डाला और उसके मास की दावत उड़ा ली। इतना ही नहीं ग्रामीणों ने उसके बचे हुए अंगों का भी बंटवारा कर लिया। इन्हीं शिकारियों में से एक नाराज शिकारी ने इसकी सूचना पुलिस और वन विभाग को दे दी, क्योंकि इस शिकारी को बाकी लोगों ने दावत के लिए मांस नहीं दिया था। इस खुलासे के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया।
कई घरों में दी दबिशें
गांव पहुंची वन विभाग और पुलिस की टीम ने कई घरों में गुलदार के अवशेष बरामद करने के लिए छापेमारी की। इस दौरान वन विभाग को गुलदार के नाखून और पंजे मिले। साथ ही उसकी खाल को भी बरामद कर लिया गया है। क्योंकि मामला संरक्षित वन क्षेत्र का है, जिसके चलते वन विभाग ने 8 शिकारियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करके आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। इलाके के ग्रामीणों की मानें तो जंगल के आसपास बड़े पैमाने पर जंगली जानवरों का शिकार किया जा रहा है।
गांव पहुंची वन विभाग और पुलिस की टीम ने कई घरों में गुलदार के अवशेष बरामद करने के लिए छापेमारी की। इस दौरान वन विभाग को गुलदार के नाखून और पंजे मिले। साथ ही उसकी खाल को भी बरामद कर लिया गया है। क्योंकि मामला संरक्षित वन क्षेत्र का है, जिसके चलते वन विभाग ने 8 शिकारियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करके आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। इलाके के ग्रामीणों की मानें तो जंगल के आसपास बड़े पैमाने पर जंगली जानवरों का शिकार किया जा रहा है।