एक दिन पहले ब्यावरा से कार के द्वारा व्यापारियों से एकत्रित कर 18 लाख रुपए की राशि लेकर इंदौर की ओर दो लोग जा रहे थे। जिन्होंने रात करीब 9:00 बजे कोतवाली थाने पर आकर सूचना दी कि शाजापुर बाईपास पर गिरवर पुलिया के पास हमारे साथ अज्ञात बदमाशों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया है। बदमाशों ने हमारी कनपटी पर पिस्टल रखी और रुपए से भरा बैग ले गए एवं हमारी गाड़ी की चाबी छीनकर झाड़ियों में फेंक दी। हमने चाबी ढूंढ कर मक्सी तक आरोपियों का पीछा किया, लेकिन कोई हाथ नहीं लगा। इस प्रकार की जानकारी कोतवाली पुलिस को 6फ़रियादी ने दी थी। सूचना पर कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज किया और बारीकी से मामले की विवेचना शुरू की। जिसमें प्रथम दृष्टया कोतवाली टीआई अजीत तिवारी को लगा कि फरियादी ही आरोपी हो सकते हैं। जब फरियादी की पूरी हिस्ट्री निकाली गई। साइबर के माध्यम से मोबाइल लोकेशन को ट्रेस किया गया तो पक्का हुआ कि फ़रियादी ही आरोपी है और उन्हें गिरफ्तार कर उनसे सख्ती से पूछा तो उन्होंने जुर्म को कुबूल किया और इस घटना में अपने एक और मित्र उज्जैन निवासी के होने की बात बताई।
लूट की घटना के बाद शाजापुर जिले में सनसनी फैल गई थी। लूट के मामले को लेकर इंदौर उज्जैन के व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ था। क्योंकि इंदौर और उज्जैन के कई बड़े व्यापारियों का व्यापार शाजापुर सारंगपुर ब्यावरा राजगढ़ क्षेत्र में चलता है और इसी मार्ग से कलेक्शन की राशि लेकर आना जाना करते हैं। ऐसे में इस लूट ने सबकी नींद उड़ा रखी थी। शुक्रवार को सीसीटीवी पुलिस कंट्रोल रूम पर एसपी पंकज श्रीवास्तव ने प्रेस वार्ता कर मामले की जानकारी दी।