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2जी स्पीड ने रोक दिया 1.27 लाख लोगों को राशन

locationशाजापुरPublished: Aug 08, 2018 10:41:34 pm

Submitted by:

Gopal Bajpai

सर्वर बंद रहने से दिनभर राशन के लिए परेशान होते रहे उपभोक्ता

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2जी स्पीड ने रोक दिया 1.27 लाख लोगों को राशन

शाजापुर.

फोर-जी और हाईस्पीड इंटरनेट के ज़माने में भी जिले में पीडीएस यानि सार्वजनिक वितरण प्रणाली की राशन दुकाने गुजरे दौर के टू-जी नेटवर्क के भरोसे काम कर रही हैं। बात चौंकाने वाली है, लेकिन ये वो हकीकत है जिसके चलते पीडीएस सिस्टम चरमराया हुआ है। आए दिन मशीनों में सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने के नाम पर सर्वर बंद रहता है। इससे राशन लेने पहुंचने वाले उपभोक्ताओं को परेशानी होती है। ऐसे ही सर्वर के बंद रहने के कारण बुधवार को जिले के करीब 1 लाख 27 हजार उपभोक्ताओं में से किसी को भी उचित मूल्य की दुकान से राशन नहीं मिल पाया।

सिस्टम में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सरकार ने गरीबों को राशन देने के लिए, आधार कार्ड से उनके बायोमैट्रिक वैरिफिकेशन को तो अनिवार्य कर दिया, लेकिन ये जिम्मा जिन मशीनों पर छोड़ा गया वो जनता और प्रशासन दोनों को रुला रही हैं। पीओएस यानि पॉइंट ऑफ सेल की ये मशीनें, हाईस्पीड इंटरनेट या फोर-जी नेटवर्क की बजाए कहीं धीमे चलने वाले टूजी नेटवर्क से हितग्राहियों का बायोमैट्रिक वैरिफिकेशन करती हैं। फिंगर प्रिंट से आधार वैरिफाई करने के इस मामूली काम में भी ये मशीने इतना वक्त लेती हैं कि राशन दुकानों में आए दिन हंगामे होते हैं। डेटा ट्रांसमिशन और सर्वर से कनेक्ट होने में मशीन कभी बहुत वक्त लेती हैं तो कभी सर्वर से कनेक्ट ही नहीं होती। ऐसे में अक्सर दिन भर इंतजार के बाद भी राशन नहीं बंट पाता और वो गरीब हितग्राही परेशान होते हैं जिनके परिवार का पेट सरकारी सस्ते अनाज से ही भर पाता है। स्लो इंटरनेट कनेक्टिविटी और सर्वर फेलुअर से जब राशन नहीं बंट पाता तो राशन दुकान संचालकों को ही जनता के गुस्से का शिकार होना पड़ता है। शहर में अनेक बार इस तरह की स्थिति बन चुकी है। जबकि राशन की दुकान वाले को उपभोक्ताओं की खरी-खोटी सुनना पड़ती है। कई बार तो स्थिति विवाद तक भी पहुुंच जाती है। इसके बाद भी इन मशीनों को अपग्रेड करने के लिए कोई प्रयास नहीं होते है।

जिले में लगी 293 मशीनें एक साथ बंद
शाजापुर में पीओएस मशीनों में खराबी से परेशान सेल्समेन आए दिन खाद्य विभाग में पहुंचते है। बार-बार मशीन में परेशानी आने पर जिले में इन मशीनों की रखरखाव के लिए एक मात्र इंजीनियर के पदस्थ रहने से खासी परेशानी आती है। बुधवार को जब सर्वर डाउन हुआ तो जिले भर में लगाई गई 293 मशीनेें ही बंद हो गई। राशन की आस लेकर उपभोक्ता उचित मूल्य की दुकानों पर पहुंचे और मशीन पर अंगुठा भी लगाया, लेकिन बार-बार अंगुठा लगने के बाद भी प्रोसेस आगे नहीं बढ़ी। घंटो तक इंतजार करने के बाद पता लगा कि प्रदेश स्तर से ही सर्वर डाउन है। इससे राशन का वितरण नहीं हो पाएगा। इंतजार कर थक चुके उपभोक्ताओं को खाली हाथ ही घर लौटना पड़ा। हालांकि मशीनों में आए दिन होने वाली परेशानी के पीछे इनके टू-जी नेटवर्क पर काम करना बताया जा रहा है।

आधार नंबर और समग्र आईडी से भी परेशानी
राशन की दुकानों पर कई लोगों के थंब इंप्रेशन भी नहीं आ पाते है। कई बार डाटा अलग-अलग होने के कारण राशन का वितरण नहीं किया जा सकता। क्योंकि संबंधित उपभोक्ता के आधार नंबर और समग्र आईडी में अलग-अलग इंट्री होने के कारण परेशानी आती है। अधिकारी स्वयं भी इस बात को स्वीकार करते है कि आधार नंबर और समग्र आईडी की गड़बड़ी के कारण राशन वितरण में परेशानी आती है। उपभोक्ता तो राशन लेने के लिए दुकानों पर पहुंचता है, लेकिन यहां पर जब राशन नहीं मिलता तो संचालक को लताड़ भी लगा देता है।

इनका कहना है
बुधवार को प्रदेशभर में ही सर्वर डाउन रहने के कारण जिले में कहीं पर भी राशन का वितरण नहीं हो पाया है। प्रदेश स्तर से मशीन में कुछ सॉफ्टवेयर अपडेट करने का कार्य चला है। जब मशीनें शुरू होंगी तब पता लगेगा कि क्या अपडेट किया गया है। ये बात सही है कि जिले भर में पीडीएस सिस्टम टूजी नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। इससे वैसे तो कोई परेशानी नहीं आती, लेकिन यदि परेशानी आती भी है तो उसके निराकरण के लिए कंपनी की ओर से एक इंजीनियर की यहां नियुक्ति की गई है। पीडीएस वितरण में आधार-कार्ड और समग्र आईडी के अलग-अलग डाटा होने से सबसे ज्यादा परेशानी होती है।
– एमके भतकरिया, सहायक आपूर्ति अधिकारी-शाजापुर

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