शाजापुर

14 साल बाद शनिश्चरी और हरियाली अमावस्या साथ आई, धरा ने ओढ़ी हरियाली की चादर

विशेष संयोग में धन प्राप्ति और पारिवारिक शांति के प्रयास होंगे सफल

शाजापुरAug 10, 2018 / 10:13 pm

Gopal Bajpai

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शाजापुर.
सावन माह की इस अमावस्या पर शनिवार को शनि अमावस्या और हरियाली अमावस्या का दुर्लभ संयोग बन रहा है। क्योंकि सावन के महीने में शनिवार के दिन हर साल अमावस्या तिथि नहीं लगती है। इस शनि अमावस्या के दिन सूर्यग्रहण भी लग रहा जो इसके महत्व को कई गुणा बढ़ा रहा है। इस दिन धन प्राप्ति, पारिवारिक शांति के लिए किए जाने वाले प्रयास के आशानुरुप परिणाम प्राप्त होंगे। यही वजह है कि शहर से शनिश्चरी अमावस्या पर मां शिप्रा में डूबकी लगाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालू शहर से रवाना हुए।
भागवत कथा वाचक व विद्वान पं. लालशंकर मेहता ने बताया कि इस अमावस्या के इस संयोग में शनि दोष, ग्रहण दोष और पितृ दोष जैसे अशुभ फल देने वाले ग्रह स्थितियों के प्रभाव से मुक्ति के उपाय कर सकते हैं। क्योंकि शनिश्चरी और हरियाली अमावस्या का संयोग शनिवार को 14 साल बाद बन रहा है। पं. मेहता ने बताया कि इसके पहले वर्ष 2004 में शनिवार को हरियाली अमावस्या का संयोग बना था। इस बार शनि अमावस्या पर खंडग्रास सूर्यग्रहण भी है, हालांकि ये भारत में दिखाई नहीं देगा। यही नहीं ये साल की आखिरी शनि अमावस्या होने से और भी खास हो गई है। इसके पहले 17 मार्च को शनिश्चरी अमावस्या थी। श्रावण महीने की इस अमवस्या पर शिवजी को बिल्वपत्र, भांग और धतूरा जैसी हरी चीजें चढ़ाने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। इस साल शनिश्चरी अमावस्या भी होने से शिवजी की विशेष पूजा से हर तरह के पाप खत्म हो जाएंगे और शनिदेव की कृपा भी मिलेगी।

ये करें उपाय
पं. मेहता के अनुसार श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या अश्लेषा नक्षत्र के साथ पड़ रही है। इसी दिन हरियाली अमावस्या ह व शनिवार है और संयोग से वतर्मान में चल रहे संवत्सर के मंत्री भी शनिदेव है। इसी दिन सूर्यग्रहण भी रहेगा, लेकिन यह भारत में नहीं दिखेगा। इस दिन अश्लेषा नक्षत्र में सूर्य के होने से अच्छी बारिश के योग बनेंगे। शनिवार और हरियाली अमावस्या का संयोग होने से शनि देव की शांति के लिए शमी का पौधा लगाना लगाएं, इसके अलावा पीपल की पूजा भी करें। इसके अलावा इस दिन धन प्राप्ति के लिए तुलसी, आंवला, केला और बेल का पौधा लगाएं और पारिवारिक सुख व समृद्धि के लिए नीम, आम व ऐसे पौधे लगाने से फल की प्राप्ति होती है।

ट्रेन रही हाऊस, बाहर लटककर बैठे यात्री
14 वर्षों बाद बन रहे इस विशेष संयोग का लाभ उठाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालू उज्जैन पहुंच रहे हैं। शुक्रवार को उज्जैन जाने वाली ट्रेन पूरी तरह यात्रियों से भरी हुई आई। ट्रेन में पैर रखने तक की जगह नहीं थी। उज्जैन जाने के लिए कुछ यात्रियों ने खतरों भरा सफर भी किया। ट्रेन की दो बोगियों के बीच खाली पर बैठकर यात्री सफर करते नजर आए। इधर बस स्टैंड से उज्जैन जाने वाली बसें भी फुल रही। शनिश्चरी अमावस्या पर बड़ी संख्या में लोग उज्जैन पहुंचे। ये श्रद्धालू उज्जैन में मां शिप्रा का स्नान करेंगे।

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