टंकी चौराहा स्थित थोक फल-सब्जी मंडी के इ-अनुज्ञा के विरोध के कारण बंद रहने से प्रतिदिन लाखों रुपए का नुकसान हो रहा था। वहीं किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। क्योंकि किसान अपनी थोक फसल का विक्रय नहीं कर पा रहे थे। लगातार परेशानी के बाद सोमवार को एसडीएम के साथ बैठक करके मंडी को दोबारा शुरू करने का निर्णय लिया था। इ-अनुज्ञा में प्रत्येक किसान से उपज खरीदने के बाद उसे बिल देकर उसके बिल को पोर्टल पर दर्ज करने के बाद अनुज्ञा प्राप्त होने में लंबा समय लगने के कारण व्यापारियों ने इसका विरोध जताया था। ऐसे में व्यपारियों की समस्या का समाधान निकालते हुए इंदौर मंडी की तर्ज पर यहां भी सभी कमिशन एजेंट किसानों से उपज खरीदने के बाद उसे व्यापारियों को बेचने और इसका एक ही बिल बनाए जाने का रास्ता निकाला गया। ऐसे में व्यापारियों को भी परेशानी नहीं होगी। इसी निर्णय के बाद मंगलवार को सुबह टंकी चौराहा स्थित थोक-फल सब्जी मंडी दोबारा शुरू हुई। यहां पर कम किसानों को जानकारी होने के बाद भी करीब 300 क्विंटल से ज्यादा प्याज की आवक रही। इसके साथ ही अन्य उपज का भी विक्रय करने के लिए बड़ी संख्या में किसान यहां पहुंचे। व्यापारियों की माने तो जैसे-जैसे किसानों को मंडी खुलने की जानकारी मिलेगी वैसे-वैसे यहां पर आवक बढऩे की संभावना है।
10-35 रुपए प्रतिकिलो तक रहे भाव
16 दिन बाद थोक फल-सब्जी मंडी शुरू होने के बाद यहां पहले दिन आवक तो कम रही, लेकिन प्याज के दाम अच्छे रहे। किसानों से उनकी प्याज की क्वालिटी के हिसाब से 10-35 रुपए प्रति किलो तक में खरीदी गई। मंडी में दोबारा रौनक बढऩे से व्यापारी, कमिशन एजेंट और किसानों को राहत मिली है। प्याज के अतिरिक्त मंगलवार को मंडी में लहसून सहित अन्य सब्जी और फल की भी आवक रही।
इनका कहना है
अभी व्यवस्था जुटाकर थोक फल-सब्जी मंडी को शुरू कराया गया है। मंगलवार से मंडी में कामकाज शुरू हो गया। मंडी के शुरू होने से किसानों सहित व्यापारियों को भी राहत मिली है। पहले दिन आवक कमजोर रही, लेकिन आने वाले दिनों में आवक बढऩे की संभावना है।
– डीसी राजपूत, सचिव, कृषि उपज मंडी-शाजापुर