जिलेभर में निकाले जा रहे डोल
शहर सहित जिलेभर में डोल ग्यारस पर्व गुरुवार को धार्मिक आयोजनों के साथ हर्षोल्लास से मनाया गया। भगवान श्रीकृष्ण डोल में बैठकर अखाड़ों के साथ निकले। भक्तों ने जगह-जगह प्रभू की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की। सुबह से नगर का माहौल धर्ममय हो गया था। धार्मिक संगठनों ने डोल के स्वागत के लिए जगह-जगह पंडाल और मंच सजाए। शाम करीब ४ बजे सरकारी डोल से आयोजन की शुरुआत हुई। इसके बाद शाम ६ बजे नगर के विभिन्न क्षेत्रों से कई समाजों के झिलमिल करते डोल अखाड़ों के साथ निकलना शुरू हुए। लगभग दो दर्जन डोल के साथ 10 अखाड़े शामिल हुए और अखाड़ों के कलाकारों ने एक से एक करतब दिखाकर सभी को अचंभित कर दिया। काछीवाड़ा क्षेत्र से निकले लवकुश अखाड़े के कलाकारों ने हैरतअंगेज करतब दिखाए। युवाओं ने ब्लेड, ट्यूबलाइट चबाकर सभी की वाहवाही लूटी। डोल के दर्शन और अखाड़े के कलाकारों की कलाकारी देखने के लिए शाम से ही सड़क के दोनों ओर सैकड़ों लोगों की भीड़ पहले से ही जमा हो गई थी।
महिलाओं ने की पूजा
डोल ग्यारस पर्व पर दिनभर व्रत रखने के बाद महिलाओं सहित अन्य भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण के डोल का इंतजार था और शाम को जैसे ही डोल निकले महिलाओं ने डोल में विराजे भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना की और मनोकामना पूरी होने व सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की। नगर के मुख्य मार्गों से रातभर निकले समस्त डोल धानमंडी स्थित भगवान ओंकारेश्वर मंदिर में एकत्रित हुए। जहां सभी की एकसाथ पूजा की गई।
साफा बांधकर किया स्वागत
नगर में ढोल-ढमाके व बैंडबाजे के साथ निकले अखाड़ों के खलिफाओं का विभिन्न संगठनों और गु्रपों के पदाधिकारियों ने साफा बांधकर स्वागत किया गया। साथ ही शील्ड भी प्रदान की गई। वहीं विभिन्न धार्मिक संगठनों ने मंच बनाकर फलाहारी खिचड़ी और लडï्डू का वितरण किया। गया। शाम ४ बजे से मंच से प्रसादी बंटना शुरू हो गई थी, यह सिलसिला रात तक चलता रहा।