62 हजार 541 हेक्टेयर घटा गेहूं का रकबा
बारिश की कमी का असर इस बार फसलों पर स्पष्ट दिखाई दिया है।

शाजापुर. बारिश की कमी का असर इस बार फसलों पर स्पष्ट दिखाई दिया है। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले में गत वर्ष की तुलना में इस बार गेहूं की फसल का रकबा 62 हजार 541 हेक्टेयर कम हो गया है। हालांकि दलहन फसलों का रकबा जरूर बढ़ा है। जिले की रबी फसलों की बात की जाए तो कुल रबी फसल का रकबा 24 हजार 56 4 हेक्टेयर कम हो गया है।
जिले में रबी वर्ष 2017-18 में कुल 1 लाख 79 हजार 254 हेक्टेयर क्षेत्रफल में रबी की फसल हुई है। जबकि वर्ष 2016 -17 में जिले में 2 लाख 3 हजार 8 00 हेक्टेयर में रबी फसल बोई गई थी। अधिकारियों का कहना है कि इस बार फसल कम क्षेत्र में होने का मुख्य कारण बारिश की कमी है। पिछले साल गेहूं की फसल का रकबा जिले में कुल 1 लाख 30 हजार हेक्टेयर रहा था। जो इस बार लगभग आधा कम हो गया है। इस बार गेहूं की फसल 67 हजार 459 हेक्टेयर में ही बोई गई है। इस वर्ष कम बारिश के कारण चीलर डैम पूरा नहीं भर पाया था। ऐसे में अधिकारियों ने निर्देश जारी किए थे कि किसी भी हालत मेें चीलर डैम की नहरों के माध्यम से पानी सिंचाई के लिए नहीं दिया जाएगा।
कैचमेंट एरिया तक पानी ही नहीं पहुंचा
इससे नहर के कैचमेंट एरिया में किसानों ने रबी फसल की बोवनी ही नहीं की। इस कारण से गेहूं की फसल का रकबा बहुत कम हो गया। क्योंकि नहरों के कैचमेंट एरिया में खेती करने वाले किसानों के पास फसल को पानी देने के लिए एक मात्र नहर ही सहारा है। ऐसे में इस बार नहर में पानी नहीं छोड़े जाने से यहां पर फसल की बोवनी ही नहीं की गई।
27 हजार 269 हेक्टेयर बढ़ा दलहन का रकबा
इस वर्ष दलहन फसलों के रकबे में वृद्धि हुई है। पिछले साल 54 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में चना बोया गया था, जबकि इस वर्ष 8 1 हजार 26 9 हेक्टेयर क्षेत्र में चने की फसल बोई गई है। इसी तरह मसूर इस वर्ष 26 हजार 448 हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई है जबकि गत वर्ष केवल 16 हजार हेक्टेयर में मसूर बोई गई थी। मटर के रकबे में परिवर्तन नहीं हुआ है। गत वर्ष एवं इस वर्ष कुल 306 हेक्टेयर क्षेत्र में मटर की फसल बोई गई है। तिलहन फसलों के रकबे में भी वृद्धि हुई है। गत वर्ष सरसो 3400 हेक्टेयर क्षेत्र में बोई गई थी, जबकि इस वर्ष 3752 हेक्टेयर क्षेत्र में सरसों बोई गई है। जिले में गत वर्ष 40 हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ना बोया गया था, जबकि इस वर्ष 20 हेक्टेयर क्षेत्र में ही गन्ना बोया गया है।
जिले में वर्षा की कमी के चलते विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष रबी फसले कम क्षेत्रफल में हुई है। अनाज की फसलों का रकबा कम हुआ है, लेकिन दलहन और तिलहन का रकबा जरूर बढ़ा है।
संजय दोसी, उपसंचालक, कृषि-शाजापुर
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