गहरा नाता रहा है मप्र से
अटलजी का मध्यप्रदेश से गहरा नाता रहा है। प्रदेश के ग्वालियर में जन्मे अटलजी के जीवन के कई वर्ष मध्यप्रदेश में ही बीते हैं। इसी को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश की दस प्रमुख नदियों में उनकी अस्थियों को विसर्जित किया जाएगा। इसके तहत शाजापुर में गुरुवार को अस्थि कलश यात्रा पहुंची। जहां भाजपा नेताओं, जनप्रतिनिधियों, स्कूली छात्रों ने अस्थियों के कलश को नमन कर श्रद्धांजलि दी। अस्थि कलश यात्रा को लेकर बस स्टैंड पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन भी किया गया। इस दौरान उपस्थित श्रोताओं ने अटलजी के जीवन पर प्रकाश डाला।
जीते जी देश सेवा में जुटे रहे
कार्यक्रम में भाजपा नेता महेश भावसार ने कहा कि अटलबिहारी वाजपेयी के दिखाए मार्ग पर चलकर पूरे देश ने तरक्की की है, जीते जी हमारे देश की सेवा में लगातार जुटे रहे अटलजी की अस्थियां भी देशवासियों को प्रेरणा प्रदान कर रही हैं। श्रद्धांजलि सभा में जनसमूह श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए उमड़ा है। इसे देखकर ही लगता है कि वह भारतीयों के हृदय में निवास करते थे और सदैव करते रहेंगे। यात्रा दोपहर 4.30 बजे पहुंची। बस स्टेंड पर सामूहिक श्रद्धांजलि सभा हुई।
ये हुए शामिल
यात्रा में प्रदेश महामंत्री व सांसद मनोहर उंटवाल, प्रदेश मंत्री पंकज जोशी, जिलाध्यक्ष नरेंद्रसिंह बेस, विधायक जसवंतसिंह हाड़ा, पूर्व नपाध्यक्ष प्रदीप सहित पार्टी पदाधिकारी शामिल हुए। प्रमुख रूप से वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजसेवी नारायण प्रसाद पांडे, भगवानसिंह सोंती, नगर अध्यक्ष शीतल भावसार, दिलीप त्रिवेदी, मनोहर विश्वकर्मा, जिला मीडिया प्रभारी उमेश टेलर, प्रतापसिंह गोहिल, किरणसिंह ठाकुर, चेतना शर्मा, शीतल शर्मा, भूपेंद्र मालवीय, सीपी चावड़ा सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।
प्रदेश इन नदियों में होगा विसर्जन
प्रदेश की जिन नदियों में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटलजी के अस्थियों को विसर्जित किया जाएगा उनमें नर्मदा, क्षिप्रा, ताप्ती, चंबल, सोन, बेतवा, पार्वती, सिंध, पेंच और केन नदियां शामिल हैं। यह यात्रा बैरसिया, नरसिंहगढ़, पचोर, सारंगपुर होते हुए शाजापुर पहुंची। यहां से आगर, सुसनेर, जीरापुर, खिलचीपुर, राजगढ़, ब्यावरा होते हुए चाचौड़ा पहुंचेगी।