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सार्वजनिक स्थलों पर बनेंगे ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर

locationशाजापुरPublished: Dec 29, 2015 12:06:00 am

Submitted by:

Lalit Saxena

कुषोषण दूर करने के लिए बच्चों को दूध पिलाने के लिए होगी विशेष व्यवस्था, प्रमुख सचिव ने दिए आदेश

शाजापुर. प्रदेश में कुषोषण दूर करने के लिए अब सभी सार्वजनिक स्थलों सहित बस व ट्रेन में ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर बनेंगे। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव ने संभागायुक्त एवं कलेक्टरों को संभाग एवं जिले में कार्रवाई के लिए आदेश जारी किए हैं।
सार्वजनिक स्थानों जैसे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि पर लंबे समय तक यात्री प्रतीक्षा करते हैं। ऐसे स्थानों पर शिशुओं को जरूरत होने पर भी माताएं स्तनपान कराने में असुविधा महसूस करती है। इस कारण शिशुओं को लंबे समय दूध नहीं मिलता और वे कहीं न कहीं कुपोषण का शिकार होते हैं। बस व ट्रेन में भी लंबी यात्रा के दौरान झिझक एवं संकोचवश मां शिशु को स्तनपान नहीं करा पाती।
इस कारण बच्चों को ऊपर का दूध बोतल से दिया जाता है। ऐसा करना बच्चे के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसी असुविधा से बचने के लिए अब सार्वजनिक स्थानों पर एक सुविधा कक्ष बनेगा। जहां माताएं शिशुओं को आराम से स्तनपान करा सकेंगी। ट्रेन, बस जैसे सार्वजनिक परिवहनों में भी एक सीट स्तनपान कराने के लिए आरक्षित होगी। इस संबंध में कार्रवाई के लिए राज्य स्तर से सभी संबंधितों को पत्र लिखे
गए हैं।
बच्चों पर होता है असर
बच्चे की शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक विकास के लिए जन्म के तुरंत बाद से छह माह तक उसे केवल मां का दूध ही दिया जाना चाहिए, लेकिन कुछ कारणों से बच्चे को दूध नहीं मिल पाता। इस कारण उसे ऊपर का दूध या समय पूर्व आहार की शुरुआत करा दी जाती है। ऐसा करने से बच्चे के स्वास्थ्य व सही विकास को खतरा हो सकता है।
पहले स्थानों का होगा चयन: शहर में कम से कम पांच स्थानों पर ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर बनाए जाएंगे। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बस स्टैंड प्रभारी, रेलवे स्टेशन अधीक्षक एवं आरटीओ को पत्र जारी कर स्थान चुनने को कहा गया है। आरटीओ के माध्यम से माताओं के लिए बस में सीट आरक्षित करने को कहा है। स्थान चिह्नित होते ही कॉर्नर बना दिए जाएंगे।
पत्र मिल गया है
 ब्रेस्ट फीडिंग कॉर्नर बनाए जाने के लिए भोपाल से पत्र मिला है। तैयारी शुरू कर दी है। पहले ऐसे सार्वजनिक स्थानों का चयन होगा, जहां माताओं को स्तनपान में असुविधा होती हो। स्थानों का चयन होते ही कॉर्नर बनाए जाएंगे।
– डीएस जादौन, महिला एवं बाल विकास अधिकारी
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