अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को गौसेवा करने वालों की ओर से की गई शिकायत में बताया गया था कि नई सडक़ पर बैंक ऑफ इंडिया के सामने पिदले करीब 60 वर्षों से गोपाल गौशाला के नाम से गौवंश के संरक्षण के लिए गौशाला संचालित है। इसका पंजीयन क्रमांक 14502 था। वर्षों पूर्व शहर के गौसेवक और समाजसेवी संस्था के लोग सदस्य बनकर गौसेवा का कार्य करते थे। इसी बीच वर्ष 1992 में गोपाल गौशाला समिति में शहर के कुछ रसूखदार व व्यापारी वर्ग से संबंधित लोग संस्था में सदस्य बन गए। इन सदस्यों ने गौशाल की भूमि पर बनी हुई दुकानों के स्थान पर शॉपिंग कॉम्पलेक्स बनाने की दृष्टी से कार्य करना शुरू कर दिया। शिकायत में यह भी बताया गया कि फरवरी 2018 में समिति में पदस्थ सदस्यों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए संस्था के पंजीयन क्रमांक 14502 को हटाकर अपने किसी सदस्य के नाम से इसे ट्रस्ट घोषित कर दिया जो कि पूर्णत: गलत है। पूर्व में जो समिति थी उसमें 80 सदस्य थे, लेकिन ट्रस्ट बनाने के बाद इसमें नाम मात्र के लोग रह गए जिन्होंने गौशाला में गायों की संख्या को कम करना शुरू कर दिया। वहीं दूसरी ओर शहर में जो भी गौवंश सडक़ों पर घुम रहा है या कोई गाय घायल अथवा बीमार हो जाती है तो उसे जब इस गौशाला में लाया जाता है तो बीमार और घायल गाय को यहां पर रखा ही नहीं जाता है। शिकायत में मांग की गई कि ट्रस्ट को भंग करके गोपाल गौशाला के पुराने पंजीयन को प्रभावशाली बनाकर समिति में सदस्यता अभियान चलाकर अधिक से अधिक सदस्य बनाएं जाए। जिससे गौरक्षक और गौसेवक यहां पर गौसेवा कर सकें।
बताएं 33, मौके पर थे 15 गौवंश
शिकायत की जांच करने के लिए दोपहर करीब 3.30 बजे गोपाल गौशाला पहुंचे एसडीएम मरावी ने गौशाला के अंदर जाकर देखा और जानकारी ली तो उन्हें यहां पर कार्यरत एक मात्र कर्मचारी ने बताया कि इस गौशाला में 33 गौवंश हैं। जब मौके पर गिनती की गई तो महज 15 ही गौवंश मौजूद थे। पूछताछ करने पर बताया गया कि शेष गौवंश को चराने के लिए जंगल ले जाया गया है। एसडीएम ने पूरे गौशाला परिसर का भ्रमण करते हुए निरीक्षण किया। इसके बाद नायब तहसीलदार जीएल राजौरिया सहित पटवारी को मौका पंचनामा बनाने के लिए निर्देश दिए। इस पंचनामा में मौका का नजरीय नक्शा भी बनाया गया।
गौशाला की किराए पर दी गई दुकानों का भी किया निरीक्षण
गौशाला में पंचनामा बनाने के दौरान यहां गौशाला के सदस्य, शिकायतकर्ताओं सहित अन्य युवा मौजूद रहे। शिकायतकर्ताओं और युवाओं ने बताया कि गौशाला के परिसर के सामने जो परिसर है वो भी गौशाला के ही अधिन है। उसमें वर्तमान में नृत्यकक्षा के लिए किराए पर दिया हुआ है। उपस्थितजनों ने अधिकारियों को बताया कि नई सडक़ पर बाहर की ओर जो दुकानें बनी हुई है वो सभी गौशाला के अधिन है। ऐसे में एसडीएम ने अमल ेके साथ मिलकर नई सडक़ पर बनी गौशाला की दुकानों का भी निरीक्षण कर गिनती की।
कांजा स्थित भूमि को देखने भी पहुंचे
मौके पर उपस्थितजनों ने बताया कि गोपाल गौशाला के नाम से समीपस्थ ग्राम कांजा में कई बीघा भूमि है। इस पर पूर्व में कुछ लोगों ने कब्जा किया हुआ था। इस कब्जे को कुछ समय पहले ही हटाया गया है। सूचना मिलने के बाद एसडीएम अपने अमले के साथ ग्राम कांजा में गौशाला की भूमि के निरीक्षण के लिए रवाना हो गए।
इनका कहना है
गोपाल गौशाला की व्यवस्थाओं को लेकर शिकायत प्राप्त हुई थी। इस शिकायत के आधार पर जांच करने के लिए गुरुवार को गौशाला का निरीक्षण किया। गौशाला के निरीक्षण के साथ ही इसकी दुकानों और ग्राम कांजा स्थित भूमि का भी निरीक्षण किया गया है। मौका पंचनामा तैयार किया गया है। जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
– यूएस मरावी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व-शाजापुर