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गर्मी के कहर से बीमार होने लगे नौनिहाल,

locationशाजापुरPublished: May 30, 2018 12:22:26 am

Submitted by:

Lalit Saxena

जिला अस्पताल में जगह कम पडऩे से एक पलंग पर दो मरीज, बुखार, उल्टी-दस्त और डायरिया के बढ़े मरीज, रोज १०० से अधिक बच्चे पहुंच रहे उपचार के लिए

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शाजापुर. भीषण गर्मी का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पडऩे लगा है। खास तौर पर बच्चों पर। गर्मी की चपेट में आने से ज्यादातर बच्चों का उल्टी-दस्त, बुखार और डायरिया की शिकायत होने लगी है। आलम यह है कि प्रतिदिन १०० के करीब नए मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। इसके कारण अस्पताल के वार्डों में जगह कम पडऩे लगी है। लिहाजा एक पलंग पर दो-दो मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। अस्पताल में चाहे दवा वितरण काउंटर हो या फिर डॉक्टर का कक्ष, सभी जगह भीड़ बढऩे लगी है।
लगातार बढ़ती गर्मी से पेट दर्द और सर्दी-जुकाम की बीमारी ने दस्तक दे दी है। प्रतिदिन जिला अस्पताल में ५०० से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। इनमें प्रतिदिन १२०-१३० मरीज बच्चे शामिल हैं। सबसे ज्यादा मरीज डायरिया (उल्टी-दस्त), बुखार, पेट दर्द के मरीज अधिक पहुंचे रहे हैं। इन्हें उपचार के साथ चिकित्सक साफ पानी पीने, धूप से बचने, फलों को धोकर व ठंडा करके खाने सहित अन्य सलाह भी दे रहे हैं। चिकित्सकों ने बताया कि डायरिया एक जल जनित बीमारी है। गर्मी बढ़ते ही लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए कहीं से भी खरीदकर पानी पीना शुरू कर देते हैं। इसके अलावा टैंकरों व सप्लाई का पानी भी कई बार खराब आ जाता है। इसलिए लोगों को इस मौसम में हमेशा साफ पानी या पानी को उबाल कर ही पीना चाहिए।
२८ दिन में ३३८० बच्चे बीमार
गर्मी का असर सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ रहा है। गर्मी में बच्चों के बीमार होते ही अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। रोजाना १०० से अधिक बच्चे सरकारी अस्पताल में गर्मी से होने वाली बीमारी से पीडि़त होकर पहुंच रहे हैं। इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीज उपचार करा रहे हैं। जिला अस्पताल में बीते २८ दिनों में ३३८० बीमार बच्चे उपचार के लिए पहुंचे हैं। इनमें १९११ बालक और १४६९ बालिकाएं शामिल हैं।
गर्मी में लू लगने की अधिक आशंका
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. उमेश गोतम ने कहा कि गर्मी में बढ़े तापमान से बच्चे का शरीर एडजस्ट नहीं होने के कारण लू लगने की संभावना रहती है। इससे शरीर का पानी सूख जाता है। तेज बुखार और लूज मोशन होना लू का कारण होता है। ऐसे में बच्चों को पानी अधिक पिलाना चाहिए। लू लगने पर ओआरएस का घोल, दाल का पानी, कच्चा आम पकाकर लगाना व पिलाना चाहिए। गर्मी में आसानी से पचने वाला भोजन ही करना चाहिए। गर्मी के मौसम में पूरे शरीर को ढंकने वाला कपड़ा पहनना चाहिए। उल्टी-दस्त या तेज बुखार की स्थिति को नजरअंदाज नहीं करें। तुरंत चिकित्सक से सलाह लेना आवश्यक है।
मौसमी बीमारी से उल्टी, दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ी, जिन्हें भर्ती कर स्लाईन चढ़ाई जाती है। ज्यादातर मरीजों की ठीक होने पर एक दिन में छुट्टी हो जाती है। आवश्यकता होने पर एक पलंग पर दो मरीजों को भर्ती किया जाता है।
एसडी जायसवाल, सिविल सर्जन
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