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चाहरदीवारी से छात्राओं के चेहरे खिले

locationशाजापुरPublished: Aug 13, 2018 11:22:34 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

अराजक तत्वों से परिसर महफूज, ५६.५५ लाख रुपए से बनाई जा रही चाहरदीवारी, विद्यार्थियों को भी मिली राहत, स्वीकृति के तीन माह बाद शुरू हुआ काम

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शाजापुर. लंबे समय तक की गई मांग के बाद 9 फरवरी 2018 को कॉलेज की बाउंड्रीवाल के निर्माण के लिए 56 लाख 55 हजार रुपए की राशि जारी की गई। इस राशि के स्वीकृत होने के करीब 3 माह बाद भी बाउंड्रीवाल का काम शुरू हुआ।
ये निर्माण कार्य लगातार जारी है। इससे कॉलेज परिसर सुरक्षित हो गया है। साथ ही यहां पढऩे वाली छात्राएं खुद को महफूज समझने लगी हैं। चारों ओर बनाई जा रही बाउंड्रीवाल के निर्माण के चलते अब विद्यार्थियों को भी राहत मिली है।
जिला मुख्यालय स्थित लीड नवीन कॉलेज में पिछले कई वर्षों से बाउंड्रीवाल नहीं होने के परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। बाउंड्रीवाल के अभाव में कॉलेज के मार्ग का उपयोग लोग आम रास्ते की तरह करने लगे थे। इसके बाद 9 फरवरी को मप्र शासन उच्च शिक्षा विभाग की अपर सचिव डॉ. जयश्री मिश्रा ने पत्र जारी करते हुए प्रदेश के कुल 11 कॉलेज के लिए स्वीकृत की निर्माण राशि में शाजापुर के नवीन कॉलेज को 56 लाख 55 हजार रुपए की राशि बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए स्वीकृत की थी। इसके बाद यहां पर काम शुरू हो गया जो कि अब पूर्णता की ओर है। बाउंड्रीवाल बनने से यहां पर बना अघोषित आम रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया। इससे कॉलेज परिसर अब सुरक्षित नजर आने लगा है।
शराबियों का जमावड़ा भी हुआ खत्म
कॉलेज परिसर में चाहरदीवारी नहीं होने से रात के समय यहां पर शराबियों सहित असामाजिक तत्वों का जमावड़ा भी लगा रहता था। शराब की बोतलों सहित अन्य सामग्री यहीं पर पड़ी रहने से कॉलेज आने वाले विद्यार्थियों को परेशानी होती थी। बाउंड्रीवाल नहीं होने के कारण ये समस्या लगातार बढ़ती जा रही थी। इसके निर्माण के लिए भेजे गए मांग पत्रों में इस समस्या का भी उल्लेख किया गया था। इसके चलते अब जबकि बाउंड्रीवाल का निर्माण कार्य चल रहा है तो यहां से असामाजिक तत्वों का जमावड़ा भी खत्म हो गया।
कॉलेज जाने का सुरक्षित मार्ग हुआ बंद
कॉलेज परिसर के आसपास बाउंड्रीवॉल बनने से यहां पर पूरा परिसर तो सुरक्षित हो गया, लेकिन कॉलेज तक पहुंचने वाला सुरक्षित मार्ग भी बाउंड्रीवाल निर्माण के कारण बंद हो गया है। दरअसल गांधी हॉल के पास से नहर पार करके कॉलेज तक जाने वाले मार्ग पर बाउंड्रीवॉल बनाई जाने के कारण ये मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया। इधर कॉलेज में प्रवेश के लिए जो दो गेट रखे गए हैं वो दोनों गेट हाइवे पर स्थित हैं। ऐसे में कॉलेज में प्रवेश करने वाले विद्यार्थियों
को आगरा-बांबे हाइवे पर स्थित गेट से ही जाना-आना करना पड़ रहा है। इससे हाइवे पर हादसे का भी डर बना रहता है।
बाउंड्रीवाल के निर्माण से कॉलेज परिसर अब सुरक्षित हो गया है। कॉलेज के जो गेट है वो हाइवे पर ही है, लेकिन यहां तक आने के लिए विद्यार्थियों को हाइवे पर ज्यादा लंबा रास्ता तय नहीं करना पड़ता है। क्योंकि गांधी हॉल के पास से विद्यार्थी आकर नहर के रास्ते से होते हुए चंद कदम की दूरी तय करके कॉलेज में आ सकते हैं। जो दो गेट रखे हुए हैं उसमें से भी एक गेट को बंद किया जाएगा। उसका उपयोग केवल जरूरत के समय ही किया जाएगा।
डॉ. एसके मेहता, प्रभारी प्राचार्य, नवीन कॉलेज-शाजापुर

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