नवीन कॉलेज की लाइब्रेयरी करीब 5 साल तक बंद रहने से यहां की हालत बहुत ज्यादा खराब हो चुकी थी। पूर्व ग्रंथपाल माथुर ने चार्ज देने के लिए 7 दिन की समयावधी का पत्र उनकी वर्तमान पदस्थापना कालापीपल के शासकीय कॉलेज के प्राचार्य से लिखवाकर नवीन कॉलेज में दिया था, लेकिन लाइब्रेयरी की सफाई में ही करीब 5 दिन का समय बीत गया। ऐसे में जब 7 दिन की समयावधी पूरी हुई तो नवीन कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. एसके मेहता ने पूर्व ग्रंथपाल को रोक लिया और पूरा चार्ज देकर ही जाने के लिए निर्देश दिए। साथ ही इस संबंध में एडी को भी अवगत करा दिया। इसके बाद वर्तमान में माथुर लाइब्रेयरी का चार्ज दे रहे है। चार्ज लेने के लिए नवीन कॉलेज की ओर से बनाई गई समिति के सदस्य लाइब्रेयरी के अंदर रखी एक-एक अलमारी की एक-एक किताब की हालत देखकर उसकी इंट्री करके चार्ज ले रहे है। जानकारी के अनुसार लाइब्रेयरी में रखी जितनी भी किताबें खराब मिलेंगी या फिर पूर्व ग्रंथपाल के कार्यकाल के दौरान जो किताबें वितरित की गई और वापस नहीं मिली है उनकी संपूर्ण जिम्मेदारी पूर्व ग्रंथपाल की रहेगी। उक्त सभी किताबों का जो भी मूल्य होगा उसके मूल्य की डेढ़ गुना राशि की वसूली पूर्व ग्रंथपाल से की जाएगी।
एनएसयूआइ के सदस्यों के साथ प्रभारी प्राचार्य ने जाकर देखी चार्ज की प्रक्रिया
नवीन कॉलेज में शुक्रवार को प्रभारी प्राचार्य डॉ. मेहता ने एनएसयूआइ के सदस्यों के साथ लाइबे्रयरी में पहुंचकर चार्ज की प्रक्रिया का निरीक्षण किया। लाइब्रेयरी के मुख्य द्वार पर ताला लगाकर पूर्व ग्रंथपाल नवीन कॉलेज की चार्ज लेने वाली समिति के सदस्यों को चार्ज दे रहे थे। ऐसे में इसके मुख्य द्वार पर पहुंचकर सबसे पहले इसका ताला खुलवाया गया। इसके बाद डॉ. मेहता सहित एनएसयूआइ के सदस्य व अन्य विद्यार्थी लाइब्रेयरी में पहुंचे। यहां पर चार्ज की प्रक्रिया को देखा।
इनका कहना है
लाइब्रेयरी में करीब 100 से ज्यादा अलमारियों में किताबें रखी हुई है। प्रत्येक अलमारी की एक-एक किताब की इंट्री कर उसका चार्ज समिति ले रही है। अभी तक करीब 30-35 अलमारियों की किताबों का चार्ज हुआ है। चार्ज लेने की प्रक्रिया सतत जारी है।
– डॉ. एसके मेहता, प्रभारी प्राचार्य, नवीन कॉलेज-शाजापुर