सुसनेर में शासकीय उत्कृष्ट स्कूल के कंद्र पर बच्चों की दर्ज संख्या 674 थी। 540 बच्चों ने परीक्षा दी। छात्रों की संख्या अधिक होने के कारण स्कूल प्रबंधन को बरामदे बैठाकर बच्चों की परीक्षा लेना पड़ी। पीने के पानी की सुविधा नहीं होने के कारण बच्चे व अभिभावक परेशान होते रहे। कुछ अभिभावक तो बच्चों के लिए पीने का पानी साथ लेकर आए थे। परीक्षा लेने के लिए 34 शिक्षकों की तैनाती की गई थी।
नवोदय के प्राचार्य अरुणकुमार द्विवेदी के अनुसार आगर, सुसनेर, नलखेड़ा व बड़ौद चार ब्लॉकों पर परीक्षा का आयोजन हुआ। सुबह ११.३० से १.३० बजे तक परीक्षा हुई। परिणाम जून में आएगा। शनिवार को बीईओ शांताराम गुप्ताए, बीआरसी केएल मालवीय व प्राचार्य ने शासकीय उत्कृष्ट स्कूल के परीक्षा केंद्र का निरीक्षण किया। छात्रों के साथ परीक्षा दिलवाने के लिए आए अभिभावकों की संख्या भी काफी थी।
केंद्र के आसपास धूप से बचने के लिए न छांव की व्यवस्था थी और न ही पीने के पानी की। इस वजह से अभिभावकों को भी परेशानियां हुईं। उत्कृष्ट स्कूल के बाहर सड़कों पर ही अभिभावकों के वाहन खड़ा करने के कारण जाम की स्थिति भी बनी।
तारीफ व्यक्ति की नहीं कार्यों की होती है : विधायक
तनोडिय़ा. आज सरकार बच्चों की पढ़ाई के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। मुफ्त किताबें, फीस सहित अन्य सुविधाएं सरकारी स्कूलों में पहले नहीं थी। तारीफ व्यक्ति की नहीं उसके कार्यों की होती है। यह बात विधायक गोपाल परमार ने कही। वे हायर सेकंडरी स्कूल में साइकिल वितरण कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने युवाओं को सेना मे भर्ती की नि:शुल्क ट्रेनिंग देने वाले शिक्षक ओंकारलाल यादव का पुष्पमाला पहनाकर सम्मान भी किया।
अतिथि ग्रामीण मंडल अध्यक्ष भेरूसिंह चौहान, गोरधनसिंह बगड़ावत, मनीष सोलंकी, तूफानसिंह गरबड़ा, महेश मित्तल, कालूसिंह चौहान, बीएल तिवारी, बहादुरसिंह राठौर, बनेसिंह राठौर, शंभूसिंह आदि मौजूद थे। शुरुआत में मां शारदा का पूजन अर्चन किया गया। अतिथियों का स्वागत किया गया। स्वागत भाषण प्राचार्य केके माहेश्वरी ने दिया।
उन्होंने बताया हायर सेकंडरी, कन्या मावि व बालक प्रावि के ९६ विद्यार्थियों को साइकिलें दी गईं। कन्या मावि के केसी डोम सहित शाला स्टाफ मौजूद था। संचालन गोपाल परमार ने किया।