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शाजापुर

ढाई साल बाद किसानों को मिलेगी बड़ी सौगात

उपज मंडी में नोटबंदी के बाद से बंद हो गई थी नकद भुगतान की प्रक्रिया, नकद राशि मिलने से बाजार भी होगा गुलजार

शाजापुरFeb 09, 2019 / 11:48 pm

Lalit Saxena

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शाजापुर. 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा होते ही कृषि उपज मंडी में नकद भुगतान की प्रक्रिया पर रोक लग गई थी। इसके चलते मंडी में अपनी उपज बेचने वाले किसानों को चेक के माध्यम से भुगतान किया जाने लगा। इस प्रक्रिया को बाद में 10 हजार तक नकद भुगतान और शेष राशि को आरटीजीएस के माध्यम से किसानों के खाते में पहुंचाया जाने लगा। ऐसे में किसानों को नकद राशि प्राप्त करने के लिए बैंकों के चक्कर लगाना पड़ रहे थे। अब करीब ढाई साल बाद एक बार फिर से कृषि उपज मंडी में किसानों को उनकी उपज की संपूर्ण राशि का नकद भुगतान किया जाएगा। इसके लिए मंडी सचिव ने अनाज व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष को पत्र जारी करके नकद भुगतान शुरू करने के लिए निर्देश जारी किए है। ऐसे में अब 11 फरवरी से किसानों को उनकी उपज का संपूर्ण नकद भुगतान मंडी में ही प्राप्त होगा।
कृषि उपज मंडी में नोटबंदी के बाद कई दिनों तक मंडी में कामकाज पूरी तरह से बंद रहा था। इसके बाद मंडी जब शुरू हुई तो यहां पर किसानों को व्यापारी उपज खरीदकर चेक से भुगतान करने लगे। इस चेक को किसान को अपने खाते में जमा करने के बाद बैंक से राशि निकालना पड़ती थी। इस प्रक्रिया से किसानों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता था। ऐसे में मंडी प्रबंधन ने फैसला लिया कि मंडी में किसानों को उनकी उपज का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से किया जाए। ऐसे में सभी व्यापारियों ने मंडी में उपज का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से किसानों के खाते में करना शुरू कर दिया। ताकि उपज खरीदी वाले दिन ही किसान को उसकी उपज का भुगतान हो सके।
करोड़ों के लेनदेन वाली मंडी से नकदी हो गई थी गायब
कृषि उपज मंडी में सीजन के समय प्रतिदिन करीब 2 करोड़ रुपए से ज्यादा का नकद भुगतान किसानों को उनकी उपज के लिए किया जाता था,। आरटीजीएस की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से मंडी में नकद लेनदेन पूरी तरह बंद होने से मंडी में नकदी ही नहीं मिलती थी। लंबे समय तक यही प्रक्रिया चलती रही। इसके बाद मंडी प्रबंधन ने फैसला लिया कि किसानों को 10 हजार रुपए तक का भुगतान नकद किया जाकर शेष संपूर्ण राशि आरटीजीएस की जाएगी।
ग्रामीण ग्राहकी को लगेंगे चार चांद
उल्लेखनीय है कि शहर सहित आसपास के संपूर्ण क्षेत्र में अधिकांश व्यापार ग्रामीण ग्राहकी पर ही आधारित है। ऐसे में जबकि किसानों को नकद राशि के लिए बैंक के चक्कर लगाना पड़ रहे थे तो बाजार से रौनक गायब हो चुकी थी। अब जबकि मंडी प्रबंधन ने दोबारा मंडी में नकद भुगतान की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी किया है तो किसानों को उनकी उपज का पूरा भुगतान नकद राशि के रूप में मिलेगा। इससे बाजार में भी रौनक दोबारा लौटने की पूरी संभावना है।
दो बार होगी मंडी में उपज की नीलामी
नकद भुगतान बंद होने के बाद मंडी में एक समय ही नीलामी की प्रक्रिया होती थी। इसमें सुबह साढ़े 10 से लेकर दोपहर 2 बजे तक घोष विक्रय के माध्यम से व्यापारी किसानों की उपज खरीदते थे।
इस समयावधि के बाद व्यापारियों को किसानों को उपज का भुगतान करने के लिए बैंक पहुंचना पड़ता था, लेकिन अब जबकि दोबारा किसानों की खरीदी गई उपज की संपूर्ण राशि का भुगतान नकद होगा तो मंडी व्यापारियों ने भी दो बार घोषविक्रय करने का निर्णय लिया है। इसके अनुसार पहला घोष विक्रय सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक होगा। वहीं दूसरी बार घोष विक्रय का कार्य दोपहर ढाई से शाम 4 बजे तक होगा। ऐसे में ज्यादा किसान एक ही दिन में अपनी उपज बेच सकेंगे।
व्यापारियों की मांग थी कि किसानों को नकद भुगतान प्रक्रिया शुरू की जाए। साथ ही अन्य मंडियों में तो किसानों को नकद भुगतान मिल रहा था। ऐसे में किसान दूसरी मंडी की ओर आकर्षित हो रहे थे। इस स्थिति में मंडी में व्यापारियों की बैठक करके नकद भुगतान प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया गया है। सोमवार से मंडी में किसानों को उपज का नकद भुगतान मिलेगा।
डीसी राजपूत, सचिव, कृषि उपज मंडी-शाजापुर

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