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सुविधाएं बढ़ाए बिना मरीजों पर डाला आर्थिक भार,

locationशाजापुरPublished: Mar 10, 2018 11:45:55 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

अब यदि आप जिला अस्पताल में इलाज कराने जा रहे हैं तो आप को जेब ज्यादा ढीली करना होगी,

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District Hospital, opd charges increase

अनीस खान. शाजापुर. अब यदि आप जिला अस्पताल में इलाज कराने जा रहे हैं तो आप को जेब ज्यादा ढीली करना होगी, कारण यहां इलाज कराने के लिए ओपीडी पर्चा बनवाने के लिए अब ५ के बजाए २० रुपए देना होंगे। वहीं मरीज को भर्ती करने के लिए २० के बजाए ५० रुपए देना होंगे। यह निर्णय रोगी कल्याण समिति ने लिया है। कलेक्टर के हस्ताक्षर होने के बाद इस जल्द लागू कर दिया जाएगा।
पिछले दिनों जिला अस्पताल में रोगी कल्याण समिति की बैठक हुई थी। इसमें कलेक्टर श्रीकांत बनोठ की उपस्थिति में यह निर्णय लिया गया। जल्द ही इस पर अमल होगा। बैठक में आमजन पर आर्थिक बोझ तो थोप दिया, लेकिन सुविधा बढ़ाने की ओर ध्यान नहीं दिया। प्रदेश के कुछ जिला अस्पतालों में अधिक राशि ली जाती है, लेकिन वहां मरीजों सुविधाएं मिलती हैं, लेकिन जिला अस्पताल में आज भी सोनोग्राफी के लिए महिलाओं को १० से १२ दिन तक चक्कर लगाना पड़ते हैं।
एक्स-रे मशीन खराब हुए एक साल से अधिक हो गया। कागजों में प्रिंटर से एक्स-रे निकाला जा रहा है। नाक, कान, गला, दांत सहित अन्य विशेषज्ञों की कमी है। सफाई व्यवस्था भी अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान ही मापदंड पर की जाती है। चिकित्सकों का देर से आना और जल्दी जाना लगा हुआ है। इन सब अव्यवस्थाओं में सुधार के बजाए आमजन और गरीब वर्ग पर आर्थिक बोझ थोपा जा रहा है।
प्रतिदिन ५०० से अधिक मरीज पहुंचते
जिला अस्पताल में रोज ५०० से अधिक मरीज पहुंचते हैं। ८० करीब मरीज भर्ती होते हैं। माह में ओपीडी का आंकड़ा १५ हजार और आईपीडी का आंकड़ा २ हजार के ऊपर जाता है। ऐसे में चार गुना राशि बढ़ाने से रोगी कल्याण समिति की आय में इजाफा होगा, लेकिन इस इसके बदले समिति मरीजों को कोई सुविधा मुहैया नहीं कराएगी।
रोकस की राशि में होगा इजाफा
पर्चा काउंटर पर राशि बढ़ाने के निर्णय से प्रतिमाह खासा फायदा रोगी कल्याण समिति को होगा। प्रतिमाह ओपीडी में औसतन ७५ हजार राशि आती है। आईपीडी में ४४ हजार रुपए राशि मिलती है। दोनों मिलाकर लगभग १ लाख २० हजार की आमदनी होती है। राशि बढ़ाने के बाद आईपीडी व ओपीडी की राशि ४ लाख रुपए से अधिक हो जाएगी।
कई लोग ऐसे, जो पांच रुपए भी नहीं दे सकते
जिला अस्पताल में गरीब, मजदूर वर्ग अधिक संख्या में पहुंचते हैं। इनमें ऐसे लोग होते हैं जो ओपीडी पर्चे के लिए पांच रुपए भी नहीं दे सकते हैं। ओपीडी पंजीयन कक्ष के मुताबिक एक दिन में करीब १५-२० ऐसे लोग आते हैं जो पांच रुपए देने में भी असमर्थ होते हैं। शनिवार दोपहर दो बजे के सुनेरा से गंगाराम खुजली और श्वास का उपचार कराने पहुंचे, लेकिन उनके पास पर्चा बनाने के लिए पांच रुपए भी नहीं थे। उन्होंने पंजीयन कक्ष में ऑपरेटर से गुहार लगाई, जिन्होंने उन्हें मुफ्त पर्चा बनाकर दिया।
समीप जिले में नहीं वसूलते इतनी राशि
सरकारी अस्पतालों में सभी सुविधाएं नि:शुल्क हैं। ओपीडी और आईपीडी के लिए नाममात्र का शुल्क निर्धारित किया गया है, लेकिन शाजापुर जिला अस्पताल में शुल्क में चार गुना इजाफा किया जा रहा है। समीपस्थ जिलों में ओपीडी शुल्क ५ रुपए ही है। उज्जैन, राजगढ़, आगर के जिला अस्पतालों में भी ओपीडी शुल्क ५ से १० रुपए है। एक्सीडेंटल, गर्भवती महिलाएं और बीपीएल कार्डधारी नि:शुल्क हैं।
समीप के जिलों में ये है स्थिति
जिला ओपीडी आईपीडी
आगर ०५ २०
राजगढ़ १० २०
उज्जैन ०५ ३०
देवास १० ४०


रोकस ने बढ़ाए हैं दाम
अन्य जिलों में ओपीडी-आईपीडी की राशि बढ़ी हुई है। रोगी कल्याण समिति की बैठक में सभी ने निर्णय लिया है कि ओपीडी पर्चा २० रुपए और आईपीडी पर्चा ५० किया जाएगा। रोकस की आय कम और खर्चा अधिक हो रहा था। रोकस की आय बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया है। दो-चार दिन में आदेश जारी होते ही अमल करेंगे।
डॉ. एसडी जायसवाल, सिविल सर्जन
&गत दिनों बैठक में ओपीडी-आईपीडी की राशि बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। ये शुल्क सामान्य लोगों के लिए है, बीपीएल राशनकार्डधारी से शुल्क नहीं लिया जाएगा। अन्य अस्पतालों में भी राशि बढ़ाई गई है, शाजापुर में राशि कम थी।
श्रीकांत बनोठ, कलेक्टर
&इस विषय में मैं प्रभारी मंत्री को अवगत कराऊंगा। प्रभारी मंत्री के अध्यक्षता में होने वाली रोकस बैठक में इस विषय को प्रमुखता से रखूंगा और समाप्त करने की मांग रखूंगा।
विजय जोशी, रोकस सदस्य
&हमारे समय भी ओपीडी-आईपीडी का शुल्क बढ़ाने मांग रखी गई थी, जिसका हमने विरोध किया था और इसे लागू नहीं होने दिया था। राशि बढ़ाने से अस्तपाल में आने वाले मरीजों को काफी परेशानी होगी।
उमेश टेलर, पूर्व रोकस सदस्य
कई लोग ऐसे, जो पांच रुपए भी नहीं दे सकते
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