शाजापुर

मिला न्याय : लुटेरों को बिताने पड़ेंगे जिंदगी के १० साल यहां

6 आरोपियों को 10-10 साल सश्रम कारावास, व्यापारी राजीव दुबे के घर दिया था वारदात को अंजाम

शाजापुरAug 28, 2018 / 12:17 am

Lalit Saxena

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शाजापुर. डेढ़ वर्ष पूर्व भट्ट मोहल्ला निवासी व्यापारी के यहां लाखों रुपए की लूट को अंजाम देने वाले 6 आरोपियों को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमा जयंत मित्तल ने 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास व जुर्माने से दंडित किया है।
मीडिया प्रभारी अजय शंकर एवं जिला लोक अभियोजन अधिकारी देवेंद्र कुमार मीना ने बताया कि 28 नवंबर 2016 की रात 10 बजे भट्ट मोहल्ला निवासी फरियादी राजीव दुबे अपने घर पर आए। घर पर अकेली अपनी मां को देखने के लिए उनके कमरे में जाने लगे। उन्हें एक व्यक्ति शाल ओढ़े दिखा, जिसपर दुबे चिल्लाए तो दो लुटेरे उनकी माता जी के कमरे से आए और चाकू अड़ाकर फरियादी को कमरे में ले गए और अलमारी की चाबी मांगकर अलमारी में रखे 1 लाख रुपए नगद एवं चांदी की कड़ी एवं आंवले जोड़ निकाल लिए और जाते-जाते फरियादी से झूमाझटकी कर पहनी हुई तीन सोने की चेन तोड़कर ले गए।
लुटेरों ने चाकू के बल पर की लूट
फरियादी की माता प्रभावती देवी ने बताया कि जब वह सो रही थी तब तीन लुटेरे उनके कमरे में आये और उन्हों चाकू दिखाकर दीवार की तरफ मुंह करके उन्हें रस्सी से बांध दिया एवं अलमारी में रखे सोने के गहने, हार, टीका सहित अन्य जेवरात और 2 लाख रुपए नगद निकाल लिया था। पुलिस ने धारा 394, 120-बी भादवी में अपराध पंजीबद्ध कर मामले को गंभीरता से लेते हुए टीम का गठन किया और 5 दिसंबर को आरोपी इकबाल, कालू उर्फ रिहान, गोलू उर्फ रईस, मोनू उर्फ फैजल, अजहर, अहद खान को गिरफ्तार किया। उनके द्वारा दी गई सूचना के आधार पर आरोपीगणों के घरों से सोने चांदी के गहने एवं नगद राशि भी पुलिस ने बरामद कर ली थी। न्यायालय में अभियोजन की ओर से न्याीयालय ने 15 गवाहों के कथन करवाए गए।
मामले में न्यायाधीश द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश रमा जयंत मित्तल ने अभियोजन की गवाही एवं तर्क से सहमत होते हुए सभी आरोपियों को धारा 394, 120बी भादवि में 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000-5000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अभियोजन की ओर से पैरवी उप संचालक लोक अभियोजन प्रेमलता सोलंकी ने की।
किराए से दुकान चलाने वाले ने रचा षड्यंत्र
इस मामले में महत्वंपूर्ण बात यह थी कि आरोपी अहद फरियादी राजू दुबे के मकान में किराए से 5-6 साल से इलेक्ट्रीशियन की दुकान चलाता था और उसका फरियादी के घर में आना-जाना भी था। उसे अच्छे से पता था कि फरियादी साहूकारी का धंधा करता है इसलिए उसके घर में सोने-चांदी के गहने एवं नगद राशि हमेशा रहती है। उसे यह भी पता था कि घटना वाले दिन फरियादी राजीव दुबे पार्टी में गया है और उसकी विधवा बुजुर्ग मां घर में अकेली है।
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