सुरक्षा व्यवस्था लेकर आपदा प्रबंधन, यातायात व्यवस्था, आयोजन आदि में होमगार्ड के जवानों को पुलिस कर्मी की तरह ही ड्यूटी पर लगाया जाता है, लेकिन जब इनके वेतन की बारी आती है तो इन्हें परेशान होना पड़़ता है। पिछले करीब 6 माह से तो यही स्थिति बनी हुई है। शाजापुर और आगर जिले में मिलाकर करीब 320 होमगार्ड जवान ऐसे हैं जिन्हें वेतन पिछले 2-3 माह से नहीं मिला है। जबकि इसके दो-तीन माह पहले उन्हें पूरे माह काम करने के बाद 5 दिन या 7 दिन का वेतन दिया जाता था। जब ये वेतन की मांग करते हैं तो अधिकारी इन्हें आगे से आवंटन प्राप्त नहीं होने की बात कहते है। ऐसे में होमगार्ड के जवान अपनी वेतन को लेकर परेशान हो रहे है। जवानों ने बताया कि उन्हें वेतन का भुगतान नहीं होने से घर खर्च के लिए उधार का सहारा लेना पड़ रहा है। यदि जल्द ही वेतन नहीं मिला तो और ज्यादा परेशानी आ सकती है।
आंदोलन के लिए भी कर रहे तैयारी
होमगार्ड जवानों की माने तो उनके साथ कुछ साल पहले भी इसी तरह की परेशानी आई थी। ऐसे में सभी जवानों ने एक साथ मिलकर आंदोलन किया था। जवानों के अनुसार इस बार भी यही स्थिति बन रही है। यदि समय पर वेतन नहीं मिला तो सभी जवान सामूहिक रूप से आंदोलन करेंगे। जवानों की मांग है कि उन्हें प्रतिमाह उनके पूरे वेतन का एक मुश्त भुगतान किया जाए। उसके टूकड़ों में तोडक़र कुछ-कुछ दिन का नहीं दिया जाए। साथ ही जो भी बकाया वेतन है उसे भी जल्द से जल्द वितरित किया जाए। जिससे जवानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। शाजापुर जिले के करीब 160 और आगर जिले में पदस्थ करीब 160 होमगार्ड जवानों की यही हालत हो रही है।
इनका कहना है
प्रदेश स्तर से जितना बजट मिल रहा था उसके हिसाब से ही जवानों को वेतन का भुगतान किया जा रहा था। बजट की कमी के कारण समस्या आ रही थी, लेकिन अब बजट मिल चुका है। सभी को पूरे वेतन का भुगतान किया जाएगा।
– विक्रमसिंह मालवीय, डिस्ट्रीक्ट कमांडेंट, होमगार्ड-शाजापुर