गवली समाज की आज इसपर बरसेगी लाठियां, प्रत्यक्षदर्शी बनेगा शहर
शाजापुरPublished: Nov 18, 2018 12:41:56 am
परंपरा : ऐतिहासिक कंस वधोत्सव का आज होगा आयोजन
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शाजापुर. शहर में प्रतिवर्ष होने वाले अनूठे आयोजन कंस वधोत्सव को इस बार भी रविवार को पारंपरिक व अनूठे तरीके से मनाया जाएगा। इस आयोजन पर इस बार आचार संहिता का असर रहेगा और रात 10 बजे तक ही शहरवासी वाक्युद्ध का आनंद ले पाएंगे। हालांकि समिति पदाधिकारियों के मुताबिक शहरवासियों के मनोरंजन में कोई कमी नहीं आएगी और उन्हें हर बार की तरह इस बार भी इस ऐतिहासिक आयोजन का आनंद मिलेगा।
कंस वधोत्सव समिति के संयोजक तुलसीराम भावसार ने बताया कि शहर में पिछले 270 वर्षों से आयोजित किए जा रहे इस अनूठे कार्यक्रम में समय के साथ-साथ परिवर्तन भी किए गए हैं। पुराने समय में जहां बैलगाडिय़ों पर देव और दानवों की सेना आमने-सामने होकर नगर भ्रमण करती थीं। वहीं आधुनिकता के दौर में बैलगाडिय़ों की जगह ट्रैक्टर-ट्रॉली ने ले ली थी, लेकिन वतर्मान समय में वृहद रूप ले चुके उक्त कार्यक्रम को इस वर्ष और अधिक रोचक बनाने के लिए इस वर्ष देव और दानवों का पात्र निभाने वाले कलाकारों के लिए तैयारी पूरी हो चुकी है। अपने-अपने वाहनों पर सवार होकर देवता और दानव नगर भ्रमण करेंगे। इसके बाद वाहनों पर ही सवार होकर पहले आजाद चौक और फिर सोमवारिया बाजार में आपस में वाक्युद्ध करेंगे।
चल समारोह की शुरुआत बालवीर हनुमान मदिर से होगी जो कंस चौराहा, मगरिया चौराहा, काछीवाड़ा, बस स्टैंड, नई सड़क होता हुआ आजाद चौक पहुंचेगा, जहां देवता और दानवों के बीच वाक्युद्ध होगा। कार्यक्रम के बाद चल समारोह फिर शुरु होगा जो कंस चौराहे पर पहुंचेगा। यहां पर कंस दरबार में मंच पर विराजित कंस के पुतले का रात 12 बजे वध किया जाएगा। इसके पूर्व कार्यक्रम में अतिथियों का समिति की ओर से सम्मान किया जाएगा। इसके बाद समिति की ओर से कंस वध के लिए आए गवली समाज के लोगों को भी सम्मानित किया जाएगा। इसके बाद भगवान श्री कृष्ण का पात्र निभा रहे कलाकार कंस का वध करेंगे और गवली समाज के लोग कंस के पुतले को घसीटते हुए अपने साथ ले जाएंगे।
ये रहेंगे आकर्षण का केन्द्र
उक्त आयोजन शहर में खासी पहचान बना चुका है और लोगों को इसका वर्षभर इंतजार भी रहता है। क्योंकि शहर के कुछ कलाकार ऐसे हैं जिन्होंने इस आयोजन के माध्यम से अपनी अलग पहचान बनाई है। वहीं कुछ वर्षोंं से इस आयोजन में छोटे कलाकारों ने भी अपनी प्रतिभा से सबको चकित किया है। लिहाजा इस बार समिति सदस्यों ने आयोजन में बाल कलाकारों को भी शामिल किया है। जो देवता व दानवों दोनों की तरफ होंगे और अपनी बेबाक शैली से जिलेवासियों का मनोरंजन करेंगे। समिति संयोजक भावसार ने बताया कि दानवों की तरफ से अनिल गुप्ता, विलेश व्यास, महेश शर्मा, सतीश शर्मा, नवीन खत्री, राजेश जखरी और अमित देवतवाल होंगे तो देवताओं की तरफ से ऋषिकेश भट्ट, राजकुमार पांडे, ऋषभ भट्ट, बालकृष्ण यादव मुख्य भूमिका में रहकर आपस में वाकयुद्ध करेंगे। कुल 20 कलाकार इस आयोजन में अपनी कलाकारी का जलवा बिखेरेंगे। समिति के रामचंद्र भावसार, सुरेंद्र मेहता, अजय उदासी आदि ने नगरवासियों से अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर आयोजन को सफल बनाने की अपील की है।
बगैर माइक के वाकयुद्ध करेंगे कलाकार
विधानसभा निर्वाचन के लिए 6 अक्टूबर से जिलेभर में आचार संहिता लगाई गई है। जिसका असर इस बार कंस वधोत्सव पर भी दिखाई देगा। हर बार माइक पर होने वाले वाकयुद्ध का शहरवासी आनंद उठाते आए हैं, लेकिन इस बार आचार संहिता के चलते रात 10 बजे तक ही माइक पर वाकयुद्ध होगा। इसके बाद आचार संहिता का पालन करते हुए माइक बंद कर दिए जाएंगे और बगैर माइक के पारंपरिक रूप से उक्त आयोजन संचालित होगा।