मीडिया प्रभारी एवं एडीपीओ जिला शाजापुर अजय शंकर ने बताया कि 28 जनवरी 2016 से 4 फरवरी 2016 के बीच नाबालिग छात्राएं जो कि कोचिंग पढऩे जाती थी उन्हें देखकर अर्जुन (18) पिता प्यारेलाल कुशवाह एवं राहुल (19) पिता हीरालाल कुशवाह दोनों निवासी काछीवाड़ा उनका बार-बार पीछा करते हुए लैंगिक उत्पीडऩ करते थे, जान से मारने की धमकी देते थे, उनकी लज्जा का अनादर करते थे और उन पर अश्लील फब्तियां कसते हुए गंदे इशारे करते थे। इस घटना की जानकारी छात्राओं ने अपने माता-पिता व चाचा को दी थी। इसकी रिपोर्ट छात्राओं ने थाना कोतवाली पर की थी। छात्राओं की रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध के बाद विवेचना अभियोग न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान न्यायालय ने अभियोजन के तर्को से सहमत होकर आरोपीगण को दोषी पाते हुए धारा 354 डी(1), 354 डी(2) भादवि के अंतर्गत दोषी पाते हुए 3-3 वर्ष के कठोर कारावास एवं एक-एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा नहीं करने पर 6-6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगताया जाएगा। धारा 509 भादवि में दोनो को एक-एक वर्ष का साधारण कारावास एवं 500-500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड न अदा करने पर 3-3 माह अतिरिक्त कारावास से एवं धारा 11(द्ब1) सहपठित धारा 12 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अंतर्गत 3-3 वर्ष का कठोर कारावास एवं 500-500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड की राशि न अदा करने पर 3-3 माह का अतिरिक्त कारावास से दंडित किया है। इस प्रकरण में अभियेाजन ने सजा के प्रश्न पर आरोपीगण को कठोर से कठोर दंड देने का तर्क किया था। मामले में शासन की ओर से पैरवी उपसंचालक अभियोजन शाजापुर प्रेमलता सोलंकी ने की।