शाजापुर

यहां कंठ तर करने चुकानी पड़ती है बढ़ी कीमत

जलसंकट – 12 हजार की आबादी, प्रतिदिन 15 हजार का खरीदती है पानी, ग्राम दुपाड़ा में भीषण पानी की कमी, ग्रामवासी हो रहे परेशान, जलस्रोत सूखने से दो माह पहले ही बंद हो गई नलजल योजना

शाजापुरApr 12, 2019 / 12:19 am

rishi jaiswal

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शाजापुर/दुपाड़ा. बारिश की कमी के कारण वैसे तो जिले में अनेक स्थानों पर जल संकट विकराल रूप लेता जा रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा भयावह स्थिति जिला मुख्यालय से करीब 18 किमी दूर ग्राम दुपाड़ा में नजर आ रही है। करीब 12 हजार की आबादी वाले इस गांव में प्रतिदिन करीब 15 हजार रुपए का पानी लोगों को खरीदकर अपनी जलआपूर्ति करना पड़ रही है। जो पैसे नहीं दे सकते उन्हें कई किमी दूर जंगल में जाकर पानी लाना पड़ रहा है। यदि अभी-भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में स्थिति कितनी बिगड़ जाएगी इसका अंदाजा कोई भी नहीं लगा पा रहा है।
करीब दो माह पहले गांव की नलजल योजना बंद हो गई। क्योंकि गांव के जिस शासकीय कुएं और अन्य जलस्रोतों से नलजल योजना के तहत पूरे गांव में जलवितरण के लिए जो पानी की टंकी को भरा जाता था, उस टंकी को सभी जलस्रोतों के सूखने के कारण नहीं भरा जा पा रहा है। ऐसे में पिछले करीब दो माह से गांव के नलों में पानी ही नहीं आया है। इधर गांव में जो एकाध कुएं है उसमें भी इतना ही पानी रातभर में जमा हो पाता है कि कुछ बर्तन भर पाते है। अल सुबह से पानी की व्यवस्था के लिए ग्रामीण महिलाएं, पुरुष यहां तक की बच्चें भी जलस्रोतों की ओर निकल पड़ते है। कई किमी दूर जंगल में जाने के बाद भी बमुश्किल पीने का पानी उपलब्ध हो पाता है। मार्च माह के शुरुआत से ही ये स्थिति बनी हुई है जो दिनों-दिन और भी ज्यादा बदतर होती जा रही है। ग्राम दुपाड़ा के रहवासियों ने जिला प्रशासन से पेयजल की उपलब्धता कराने की मांग की है।
दूर-दराज से मंगवाते हैं प्राइवेट टैंकर
गांव के अलग-अलग क्षेत्रों में रहने वाले लोग अपनी जलआपूर्ति के लिए आपस में राशि एकत्रित करके दूर-दराज के स्थानों से पानी के टैंकर की व्यवस्था करते है। टैंकर आने के बाद लोगों को पीने का पानी मिल पाता है। पूरे गांव में प्रतिदिन दर्जनों निजी टैंकर पानी विक्रय करने के लिए पहुंच रहे है। एक दिन में पूरे गांव में मिलाकर करीब 12 से 15 हजार रुपए तक की राशि निजी टैंकर संचालकों को भुगतान की जाती है। टैंकर संचालकों का कहना है कि उन्हें अभी काफी दूर से पानी लेकर आना पड़ता है। जिससे खर्च निकालने के लिए टैंकर के रेट बढ़ाना पड़े है। संचालकों की माने तो वर्तमान में वे जिन स्थानों से पानी भरकर लाते है आगामी दिनों में उक्त जलस्रोतों के भी सूखने की आशंका है। ऐसे में टैंकर में पानी भरने के लिए उन्हें इससे भी ज्यादा कई किमी की दूरी तय करना पड़ेगी। इस स्थिति में टैंकर के रेट आगामी दिनों में और भी ज्यादा बढ़ सकते है।
बॉक्स…
10 मिनट में भराई थी नदी, अब नजर आने लगा मैदान
बीते वर्षाकाल में ग्राम दुपाड़ा से कुछ दूरी से बहकर निकल रही लखुंदर नदी में महज 10 मिनट में ही कई फीट पानी भर गया था। नदी में इतनी तेजी से पानी भराया था कि दुपाड़ा पहुंचने वाले मार्ग पर कई फीट उपर तक पानी पहुंच गया था, लेकिन आज यदि कोई उक्त नदी की हालत देखे तो अंदाजा भी नहीं लगा सकता है कि यहां पर कभी पानी भरा होगा। क्योंकि वर्तमान में उक्त नदी पूरी तरह से सूख चुकी है। नदी के बीच में कई स्थानों पर लोगों ने पानी के लिए छोटी-छोटी झिरियां भी खोदी, लेकिन उसमें भी पानी नहीं निकला। भीषण गर्मी के कारण उक्त नदी किसी मैदान के रूप में बदल गई है और यहां पर दिनभर धूल उड़ रही है।
इस बार बारिश कम होने से करीब दो माह पहले ही नलजल योजना और अन्य जलस्रोत सूख चुके है। ऐसे में गांव में नल के माध्यम से जल प्रदाय नहीं हो पा रहा है। वर्तमान में लोग निजी टैंकरों की मदद से पानी की आपूर्ति कर रहे है। हमने जनपद पंचायत के माध्यम से कलेक्टर स्तर पर गांव में पेयजल की आपूर्ति के लिए टैंकरों की व्यवस्था करवाने की मांग के लिए पत्र सौंपा है।
– सपना सचिन पाटीदार, सरपंच, ग्राम पंचायत-दुपाड़ा
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