शाजापुरPublished: Sep 10, 2018 12:15:03 am
Lalit Saxena
सरकार ने इस सत्र से स्कूलों में एनसीइआरटी का कोर्स लागू कर दिया है। कोर्स लागू होने के बाद पहली बार कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों की त्रैमासिक परीक्षा 11 सितंबर से शुरू होगी।
सरकार ने इस सत्र से स्कूलों में एनसीइआरटी का कोर्स लागू कर दिया है। कोर्स लागू होने के बाद पहली बार कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों की त्रैमासिक परीक्षा 11 सितंबर से शुरू होगी।
शाजापुर. सरकार ने इस सत्र से स्कूलों में एनसीइआरटी का कोर्स लागू कर दिया है। कोर्स लागू होने के बाद पहली बार कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों की त्रैमासिक परीक्षा 11 सितंबर से शुरू होगी। इसमें विद्यार्थी तो सम्मिलित होंगे, लेकिन वे विज्ञान और गणित के पेपर में क्या लिखेंगे ये स्वयं उनको भी नहीं पता है। कारण स्कूलों में अभी तक शासन की ओर से मिलने वाली विज्ञान व गणित किताबें विद्यार्थियों को नहीं मिली हैं। अब एनसीइआरटी के कोर्स में किस तरह के सवाल और प्रश्न हैं, वहीं परीक्षा में क्या लिखना है इस बारे में विद्यार्थी अब तक अनभिज्ञ हैं। परीक्षा आने के बाद भी जिम्मेदारों ने इस ओर अभी तक ध्यान नहीं दिया।
इस वर्ष से सरकारी स्कूलों में 10वीं में एनसीइआरटी (द नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग) का कोर्स लागू किया है। ऐसे में अब तक स्कूलों में चले आ रहे एमपी बोर्ड के कोर्स को बदल दिया गया। नया कोर्स लागू होने के बाद किताबें विद्यार्थियों को देकर अध्यापन कराना था, लेकिन गणित और विज्ञान की किताबें नहीं पहुंची। ऐसे में शिक्षकों ने अपनी समझ के हिसाब से बगैर किताब के विद्यार्थियों को अध्यापन करा दिया। अब बगैर किताब को देखे ही विद्यार्थियों को भी परीक्षा देना होगी।
सॉफ्टवेयर की गलती से नहीं पहुंची मांग
स्कूलों में नया कोर्स (एनसीइआरटी) शुरू होने के बाद सभी स्कूलों की किताबों की डिमांड ऑनलाइन मंगवाई गई थी। ऐसे में शहर के उक्त तीनों स्कूलों की डिमांड में सॉफ्टवेयर की गलती के कारण एरर आने से शून्य हो गई। ऐसे में गणित और विज्ञान की किताबें यहां नहीं पहुंची। इसके बाद अधिकारियों ने वरिष्ठ स्तर पर पत्र व्यवहार करके किताबें मंगवाने की बात तो कही, लेकिन इसमें उन्होंने कितना ध्यान दिया इसकी जानकारी किसी को नहीं है।
बच्चों से कह दो स्कूल में संपर्क करें
सोमवार से परीक्षा शुरू होने के बाद भी आज तक गणित और विज्ञान के विषय की किताबें बच्चों को नहीं मिलने के मामले में स्कूल की लापरवाही यहां के जिम्मेदारों के बयान से सामने आ रही है। शासकीय उत्कृष्ट उमावि क्रमांक-1 की प्राचार्य शशिरेखा राजालू से जब 10वीं के बच्चों की किताबे नहीं आने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बच्चों से कह दो इस बारे में स्कूल में संपर्क करें।
जिम्मेदारों का इस तरह का रवैया उनकी लापरवाही को दर्शा रहा है कि परीक्षा शुरू होने के बाद भी वे बच्चों को स्कूल में संपर्क करने को कह रही है। नाम न छापने की शर्त पर स्कूली बच्चों ने बताया कि पूर्व में उन्होंने कई बार किताबों को लेकर मांग की, लेकिन हर बार उन्हें आगे से किताबें नहीं आने का कहकर लौटा दिया जाता था।
500 बच्चों को होगी परेशानी
जिला मुख्यालय पर 4 हायर सेकंडरी स्कूल है। इसमें से एक शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या उमावि है। यहां पर कक्षा 10वीं की छात्राओं को उक्त किताबों का वितरण हो गया है, जबकि शासकीय उत्कृष्ट उमावि क्रमांक-1, शासकीय बालक उमावि क्रमांक-2 और शासकीय उमावि ज्योतिनगर में किताबें नहीं पहुंची। उक्त तीनों स्कूल के मिलाकर करीब 500 बच्चों को बगैर किताब के ही परीक्षा देने के लिए जाना होगा।
प्रश्न-पत्र को बगैर पढ़े करना होगा हल
माशिमं ने त्रैमासिक परीक्षा के लिए तिथि तय की गई है। साथ ही प्रश्न-पत्र भी भोपाल से ही तैयार करके भेजे जा रहे हैं। टाइम टेबल अनुसार कक्षा नौवीं से 12वीं तक की त्रैमासिक परीक्षाएं शुरू की जा रही हैं। 10वीं की परीक्षा 10 सितंबर सोमवार से शुरू होंगी। 10 सितंबर को अंग्रेजी, 11 को गणित, 14 को हिंदी, 15 को सामाजिक विज्ञान, 19 को विज्ञान और 20 सितंबर को संस्कृत की परीक्षा होगी। 11 सिंतबर को गणित और 19 सितंबर को विज्ञान का प्रश्न-पत्र बगैर किताब में से पढ़ाई के ही हल करना होगा।
बच्चों ने अरेंज करके कर ली पढ़ाई
बच्चों ने अपने स्तर से अरेंज करके पढ़ाई कर ली है। जब किताबें आगे से आएंगी तो बच्चों को वितरित कर दी जाएंगी।
कैलाशसिंह राजपूत, जिला शिक्षा अधिकारी-शाजापुर