सभी कॉलेजों को यूजीसी की ग्रांट के लिए नैक का मूल्यांकन अनिवार्य किया गया है। इसकी जानकारी और निर्देश मिलने के बाद नवीन कॉलेज प्रबंधन ने पहली बार नैक के मूल्यांकन को लेकर तैयारियां की। क्योंकि पिछले करीब 15 साल से हर साल नैक के मूल्यांकन की तैयारियों के लिए कॉलेज में टीम बनाई जाती और ये टीम साल भर में कुछ भी प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ा पाती थी। हालांकि दो साल पहले ऑफलाइन में एसएसआर को सबमिट किया गया था, लेकिन वो प्रक्रिया बदलने के कारण मान्य नहीं हो पाई। ऐसे में अब जबकि उच्च शिक्षा विभाग ने नैक मूल्यांकन को अनिवार्य कर दिया तो कॉलेज प्रबंधन ने पहली बार इस कार्य को प्राथमिकता दी और इसे पूरा करने में जुट गए। इस कार्य के लिए नवीन कॉलेज में प्राध्यापक डॉ. बीएस विभूति के नेतृत्व में टीम का गठन किया जाकर सभी को जिम्मेदारियां दी गई। इसमें कॉलेज के स्थाई स्टॉफ से लेकर अतिथि विद्वानों तक की मदद ली गई। एक-एक चरण पूरा करते-करते अब एसएसआर सबमिट करने के लिए समय-सीमा तय हो गई थी। इस समय सीमा में कॉलेज की एसएसआर (सेल्फ स्टडी रिपोर्ट) तैयार करके नैक के पास भेजना था। जिसे अंतिम तिथि में अंतिम समय से 6 घंटे पहले पूरा कर लिया गया।
रातभर कॉलेज में जमा रहा पूरा स्टॉफ
नैक के मूल्यांकन के लिए इसी वर्ष 23 जनवरी में नवीन कॉलेज ने आइआइक्यूए तैयार करके नैक मुख्यालय बैंग्लोर भेजी थी। इस आइआइक्यूए में कॉलेज के नाम को लेकर आपत्ति आई, जिसे दुरुस्त करने के बाद आखिर आइआइक्यूए 15 अप्रैल अप्रुव हो गई थी। इस आइआइक्यूए के अप्रुव होने के बाद नैक टीम ने एसएसआर को सबमिट करने के लिए 45 दिन की समय-सीमा तय कर दी। कॉलेज प्रबंधन इस कार्य में जुट तो गया, लेकिन लोकसभा चुनाव और विश्वविद्यालयीन परीक्षा के कारण इस कार्य के समय पर पूरा होने पर संशय पैदा होने लगा। क्योंकि कॉलेज के स्टॉफ की चुनाव में ड्यूटी होने के कारण एसएसआर सबमिट नहीं हो पा रही थी। ऐसे में चुनाव खत्म होने के बाद कॉलेज प्रबंधन ने इस कार्य को प्रमुखता से लेते हुए प्रतिदिन सुबह से शाम तक एसएसआर को सबमिट करने के लिए कॉलेज का पिछले पांच साल का संपूर्ण रिकार्ड खंगाला। इसके बाद इसे सबमिट करने की प्रक्रिया शुरू की गई। 30 मई को सुबह 10.08 बजे इसकी समय सीमा पूरी हो जाती। ऐसे में बुधवार को कॉलेज में एसएसआर सबमिट करने के लिए जुटे स्टॉफ के सदस्यों ने इसे हर हाल में पूरा करने की ठानी और पूरी रात कॉलेज में ही बिताते हुए काम किया। इसका परिणाम यह रहा कि अल सुबह 4.01 बजे आखिर नैक मूल्यांकन के लिए नवीन कॉलेज की एसएसआर सबमिट हो गई।
ये टीम रही पूरे समय मौजूद
एसएसआर सबमिट करने के लिए नवीन कॉलेज में बुधवार सुबह से लेकर गुरुवार अल सुबह तक डॉ. बीएस विभूति के साथ प्रभारी प्राचार्य डॉ. एसके मेहता, डॉ. एसके तिवारी, डॉ. अरुण बोढ़ाने, डॉ. बीके सोलंकी, डॉ. एसएस जामोद, डॉ. दिनेश निंगवाल सहित कम्प्यूटर ऑपरेटर मौजूद रहे।
नैक टीम ने विद्यार्थियों को इ-मेल कर फीडबैक लेना किया शुरू
गुरुवार सुबह 4 बजे एसएसआर सबमिट करने के बाद कॉलेज स्टॉफ के सदस्य घर पहुंचे ही थे कि कुछ देर बाद उनके पास विद्यार्थियों के माध्यम से सूचना आने लगी कि नैक टीम की ओर से उन्हें इ-मेल करके फीडबैक लिया जा रहा है। जैसे ही कॉलेज स्टॉफ को यह जानकारी मिली उन्होंने इ-मेल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को कॉलेज बुलवाया और उनसे नैक टीम को इ-मेल के माध्यम से ही फीडबैक दिलवाया। इधर कॉलेज प्रबंधन ने कॉलेज के सभी विद्यार्थियों से आग्रह किया है कि जिस भी विद्यार्थी के पास नैक टीम की ओर से इ-मेल आए वो विद्यार्थी सीधे कॉलेज पहुंचकर या कॉलेज स्टॉफ से तत्काल संपर्क करें। ताकि संबंधित का पंजीयन करके नैक टीम को फीडबैक दिया जा सके।
इनका कहना है
नैक मूल्यांकन के लिए मो. बड़ोदिया कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. बीएस विभूति के नेतृत्व में टीम ने एसएसआर सबमिट करने के लिए कार्य किया। गुरुवार सुबह 4 बजे एसएसआर सबमिट हो गई। कॉलेज के लिए ये बड़ी उपलब्धी है। वहीं एसएसआर सबमिट होने के कुछ घंटे में ही नैक टीम की ओर से विद्यार्थियों को इ-मेल के माध्यम से फीडबैक लेना शुरू कर दिया है। जिस भी विद्यार्थी को नैक टीम से इ-मेल प्राप्त हो वो उक्त इ-मेल को इग्नोर न करें। इ-मेल प्राप्त होने की सूचना सीधे कॉलेज के स्टॉफ को दे या फिर स्वयं आकर संपर्क करें।
– डॉ. एसके मेहता, प्रभारी प्राचार्य, नवीन कॉलेज-शाजापुर