शहर के धानमंडी क्षेत्र के समीप ओंकारेश्वर महादेव मंदिर से सावन माह के प्रत्येक सोमवार को महादेव अपने रथ में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले, लेकिन भादव माह के प्रथम सोमवार को ओंकारेश्वर महादेव का शाही अंदाज लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था। शाम को मंदिर में महादेव का विधिवत पूजन के बाद शाही सवारी शुरू हुई जो कि परंपरागत मार्ग से गुजरी। सवारी मार्ग पर दर्जनों स्थानों पर भक्तों ने स्वागत मंच बनाकर महादेव का स्वागत किया। सवारी में महादेव के रथ के अतिरिक्त स्थानीय बैंड के कलाकारों ने आकर्षक भजनों की प्रस्तुती से माहौल को भक्तिमय कर दिया।
महादेव घाट पर किया दोनों महादेव का पूजन
परंपरागत मार्ग से निकलते हुए ओंकारेश्वर महादेव की शाही सवारी चीलर नदी के किनारे स्थित महादेव घाट पहुंची। यहां पर स्थित भोलेशंकर के मंदिर के पुजारी ने ओंकारेश्वर महादेव का पूजन किया वहीं ओंकारेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी ने महादेव घाट स्थित मंदिर में महादेव का पूजन किया। आरती के बाद यहां से सवारी दोबारा रवाना हुई।
ओंकारेश्वर महादेव के पीछे निकले सोमेश्वर महादेव
धानमंडी स्थित ओंकारेश्वर महादेव मंदिर से सवारी शुरू होने के बाद जब सवारी बालवीर हनुमान मंदिर पहुंची तभी सोमवारिया बाजार स्थित सोमेश्वर महादेव मंदिर से सोमेश्वर महादेव की शाही सवारी शुरू हो गई। शाही अंदाज में पालकी में सवार होकर निकले सोमेश्वर महादेव की सवारी में पुष्प बरसाती हुई तोप और नरवर के बैंड के कलाकारों ने आकर्षक भजनों की प्रस्तुती दी। एक के पीछे एक सवारी के दर्शन के लिए शहर के दोनों ओर भक्तों की कतार लगी हुई थी।
जयेश्वर महादेव की सवारी में शामिल हुए किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर
शाम को तालाब की पाल स्थित जयेश्वर महादेव मंदिर पर सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी सहित अन्य जनप्रतिनिधियों और मंदिर समिति सदस्यों ने महादेव का पूजन किया। इसके बाद महादेव के मुघौटे को पालकी में विराजित कर मंदिर से बाहर लाया गया। जयेश्वर महादेव की शाही सवारी में किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर बदरू बई, लक्ष्मी बाई, रानी बाई सहित बाहर से आए हुए किन्नर रथोंं सवार होकर लोगों को आशीर्वाद देते हुए निकले। इनके अतिरिक्त संत भी बग्गी में सवार होकर शहरवासियों को आशीर्वाद दे रहे थे। इस शाही सवारी में स्थानी बैंड के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुती से समां बांध दिया। सवारी में सबसे पीछे श्री कृष्ण के मल्लयुद्ध और श्रीराम के ताडक़ासुर के वध की दो अलग-अलग झांकियां शामिल थी।
मगरिया में हुआ तीनों महादेव का मिलन
ओंकारेश्वर महादेव की सवारी के पीछे सोमेश्वर महादेव की सवारी चलते हुए मगरिया चौराहा पर पहुंची। तभी तालाब की पाल से शुरू हुई जयेश्वर महादेव की सवारी नई सडक़, बस स्टैंड, काछीवाड़ा होते हुए मगरिया पहुंच गई। यहां से तीनों सवारियां एक के पीछे एक करके निकली। पूरे सवारी मार्ग पर बने स्वागत मंचों से भक्तों ने महादेव का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। इसके साथ ही बड़ी संख्या में सडक़ के दोनों ओर खड़े हुए भक्तों ने तीनों महादेव का पूजन कर आशीर्वाद लिया।