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सोशल मीडिया पर बल्क एसएमएस भेजने के पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य

locationशाजापुरPublished: Oct 16, 2018 12:39:51 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

अभ्यार्थी की स्वीकृति बगैर नहीं किया जा सकता प्रचार, कलेक्टर ने दिए दंडात्मक कार्रवाई के निर्देश

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शाजापुर. कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीकांत बनोठ ने निर्देश दिए हैं कि टेलीकॉम कंपनियों को निर्वाचन के दौरान बल्क एसएमएस भेजने के पूर्व एमसीएमसी से अनुमति लेना अनिवार्य होगी। अनुमति नहीं लेने पर संबंधित कंपनी के विरुद्ध नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। किसी भी अभ्यर्थी की स्वीकृति के बगैर सोशल मीडिया पर उसका प्रचार करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी

कलेक्टर ने बताया कि किसी अभ्यर्थी की लिखित अनुमति के बगैर यदि सोशल मीडिया पर उसका प्रचार-प्रसार कोई अन्य व्यक्ति करता है, तो संबंधित के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। अभ्यर्थी यदि किसी धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं, तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि धार्मिक कार्यक्रम के मंच से किसी भी तरह का राजनैतिक प्रचार-प्रसार नहीं किया जाए, अन्यथा संबंधित के विरुद्ध निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी।

सोशल मीडिया के लिए प्री सर्टिफिकेशन
सोशल मीडिया वेबसाइट्स जिनको कि आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के रूप में परिभाषित किया है उन पर भी मीडिया सर्टिफिकेशन का नियम लागू होगा। सोशल मीडिया में जारी होने वाले विज्ञापनों का भी प्री सर्टिफिकेशन आवश्यक है। प्रत्येक निर्वाचन लडऩे वाले उम्मीदवार को नामांकन भरने के समय सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देनी होगी। सोशल मीडिया के अंतर्गत कोलेबरेटिव प्रोजेक्टस (विकीपीडिया आदि), ब्लॉग्स एवं माइक्रो ब्लॉग्स (ट्विटर आदि), सोशल नेटवर्किंग साइट्स (फेसबुक आदि), वर्चुअल गेम्स (एप्स आदि) शामिल हैं।

दोनों दलों में स्थानीय दावेदारों की मांग
बड़ौद. आगर विधानसभा में इस बार दोनों हीं मुख्य दल भाजपा एवं कांग्रेस में स्थानीय उम्मीदवार की मांग जोरों से चल रही है। हालांकि कांग्रेस में तो पिछले कुछ माह से क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवार की मुद्दा गरमाता रहा है। पहली बार भाजपा के भी कुछ वरिष्ठ नेताओं ने एक जुटता के साथ स्थानीय उम्मीदवार की मांग की है।

कांग्रेस के कुछ चेहरो को छोड़ अधिकांश बहारी दावेदारी कर रहे हैं। इनमें से एक दावेदार पिछले दो वर्षों से क्षेत्र में सतत सम्पर्क में बने हुआ है। वहीं दीवार लेखन के साथ प्रचार प्रसार में भी जुट गया है। वहीं सभी स्थानीय उम्मीद्वार एक जुट होकर किसी भी स्थानीय को टिकट देने की मांग पर अड़े हैं। यहां तक की बहारी को टिकट देने पर सामुहिक त्यागपत्र देने की बात भी कर रहे हंै। वहीं भाजपा ने भी इस सीट से कई बार बहारी उम्मीदवार को मौका दिया है। लेकिन यह विडंबना रहीं है कि आजादी के बाद से आज तक किसी भी पार्टी ने एक बार भी बड़ौद क्षेत्र के किसी भी कार्यकर्ता पर पार्टी ने विश्वास नहीं जताया है।
जैसे-जैसे चुनाव की तारीख पास आ रहीं है वैसे वैसे स्थानीय का मुद्दा और भी ज्यादा जोर पकड़ रहा है। जनपद व वार्ड स्तर पर होने वाली बैठकों में यह बात सामने आई है।

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